BCCI: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (Board of Control for Cricket in India) ने राष्ट्रीय क्रिकेट टीम को प्रायोजित करने के लिए बोली आमंत्रित की हैं। दरअसल मौजूदा प्रमुख प्रायोजक Byju’s ने इस साल मार्च की शुरुआत में ही प्रायोजन सौदे से अपने हाथ पीछे खींच लिए थे। BCCI के इस कदम से ड्रीम11 और MPL समेत कई रियल मनी गेमिंग कंपनियों को असर पड़ेगा, जोकि पहले क्रिकेट के जरिए अपने ब्रांड स्थापित करने में लगे हुए थे।
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने हाल में जारी विज्ञप्ति में कहा, ”बीसीसीआई राष्ट्रीय टीम के मुख्य प्रायोजक अधिकार हासिल करने के लिये प्रतिष्ठित संस्थाओं से बोली आमंत्रित कर रहा है। फिलहाल कंपनियां 26 जून तक 5 लाख रुपये के गैर-वापसी योग्य शुल्क पर बोली दस्तावेज हासिल कर सकती हैं।
हालांकि, विज्ञप्ति में ब्रांडों की कुछ श्रेणियों को भी लिस्ट किया गया है, जिन्हें प्रायोजन के लिए बोली लगाने की अनुमति नहीं है। इनमें एथलीजर और स्पोर्ट्सवियर निर्माता, अल्कोहल उत्पाद, सट्टेबाजी, क्रिप्टोक्यूरेंसी, रियल मनी गेमिंग (फैंटेसी स्पोर्ट्स गेमिंग को छोड़कर), तंबाकू को बाहर रखा गया है।
आईटीटी खरीदना बोली लगाने का हकदार नहीं
जय शाह ने कहा कि बोली जमा करने के इच्छुक किसी भी पक्ष को आईटीटी खरीदना जरूरी है। हालांकि, केवल वे जो आईटीटी में निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि केवल आईटीटी खरीदने से कोई भी व्यक्ति बोली लगाने का हकदार नहीं होगा। सूचना और प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) ने पहले ही सभी को इस प्रकार की वेबसाइटों को बढ़ावा नहीं देने के लिए कई परामर्श जारी किए हैं।
एमईआईटीवाई लगा चुकी है बैन
एमईआईटीवाई (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) ने हाल ही में 200 से अधिक डोमेन पर प्रतिबंध लगाया था। जिसमें कई वेबसइट अवैध सट्टेबाजी में शामिल थी। जो खेल टीम की जर्सी में प्रायोजित होने के लिए सरोगेट विज्ञापन का उपयोग करती थीं। बीसीसीआई हालांकि विभिन्न घरेलू और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के दौरान अपने प्रायोजकों और विज्ञापनदाताओं के नियमों को सख्त किया है।