गेमिंग पर 28 परसेंट जीएसटी लगने के बावजूद भारतीय गेमिंग मार्केट 23% की दर से बढ़ा है। वेंचर कैपिटल फॉर्म लुमिकाई की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023- 24 के फाइनेंशियल ईयर में भारतीय गेमिंग बाजार 3.8 बिलियन डॉलर का हो गया है। इन-एप परचेज और इन एप रिवेन्यू की वजह से गेमिंग बाजार 2029 तक 9.2 बिलियन तक का हो सकता है।
यह भी पढ़ें: Ban online Gaming-Gambling: कश्मीर में गेमिंग एप्स को बैन करने की मांग
गेमिंग रिसर्च कंपनी Lumikai में की रिपोर्ट के मुताबिक अगले 5 सालों में भारतीय गेमिंग बाजार 20% की दर से बढ़ेगा। इस सेक्टर में सबसे ज्यादा गेमिंग ग्रोथ रियल मनी गेमिंग से होगी, जो की सबसे बड़ा रिवेन्यू कमाने वाला क्षेत्र है। इस रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में रियल मनी गेमिंग 41 परसेंट की दर से बढ़ा है। रिसर्च के मुताबिक 2029 तक की इन एप परचेज़ रियल मनी गेमिंग को पीछे छोड़ देंगे।
यह भी पढ़ें: Gaming update: Gaming पर GST में बढ़ोतरी से भरा सरकारी ख़जाना
Lumikai की फाउंडिंग जनरल पार्टनर सलोनी सहगल के मुताबिक गेमर अब धीरे-धीरे करके नॉन रियल मनी गेमिंग से रियल मनी गेमिंग की तरफ माइग्रेट हो रहे हैं। रियल मनी गेमिंग सिर्फ पैसे जीतने का जरिया नहीं है, बल्कि यह रिक्रिएशन का भी तरीका है। इस रिपोर्ट में बताया गया है की 2024 में माइंडकोर गेम्स 53 परसेंट की दर से बढ़ें है, जबकि हाइपर कैजुअल गेम्स 10% सालाना की दर से बढ़ीं है, इन गेम्स में ऐड रिवेन्यू भी बढ़ा है।
जीएसटी बढ़ाने के बावजूद रियल मनी गेमिंग कंपनियों की टॉप लाइन ने 400 मिलियन डॉलर 2024 में जोड़ें हैं, हालांकि कंपनियां के ग्रॉस मार्जिन में 30% तक की कमी हुई है, क्योंकि कंपनियां पेबैक ज्यादा कर रहे हैं। बड़ी रियल मनी गेमिंग कंपनियों ने प्लेयर्स पर जीएसटी बर्डन को खुद उठा लिया है, जबकि छोटी कंपनियां वर्किंग कैपिटल की परेशानियों से जूझ रही है। इस दौरान आरएमजी से कैजुअल गेमिंग की तरफ गेमर जा रहे हैं। भारतीय गेमर पैसा खर्च करने को तैयार है, रिपोर्ट के मुताबिक 25% भारतीय गेमर्स ने 2024 में गेम्स के ऊपर पैसा खर्च किया है।