ऑनलाइन गेम्स में 28 फीसदी जीएसटी की फैसले के बाद गेमिंग कंपनियों की दिक्कतें लगातार बढ़ रही हैं। अब डीजीजीआई अब करीब 100 कंपनियों के खिलाफ जीएसटी चोरी की जांच करने की तैयारी में है। इसी बीच फैंटेसी गेमिंग प्लेटफॉर्म ड्रीम 11 की मूल कंपनी ड्रीम स्पोर्ट्स ने कथित कर चोरी के लिए जीएसटी द्वारा दिए गए कर नोटिस के खिलाफ एक रिट याचिका दायर करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
मीडिया साइट मनीकंट्रोल के अनुसार कंपनी का दावा है कि जीएसटी राशि लगभग 40,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो गेमक्राफ्ट को भुगतान करने के लिए दिए गए नोटिस से दोगुनी है। हालांकि कुछ अन्य का अनुमान है कि यह लगभग 25,000 करोड़ रुपये है। असल में इससे पहले जीएसटी की तरफ से गेम क्राफ्ट को नोटिस भेजा जा चुका है और ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और इस पर आठ अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई होनी है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) कई ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग फर्मों को नोटिस भेजने की योजना बना रहा था। नोटिस के अनुसार, कंपनियों को अगस्त 2017 से जून 2022 की अवधि के लिए जीएसटी बकाया का भुगतान करना होगा।
फिलहाल ड्रीम स्पोर्ट्स को भेजे गए नोटिस में मांगी गई राशि कथित तौर पर गेमक्राफ्ट को मिली राशि से अधिक है। जिसको लेकर कंपनी को आपत्ति है। फिलहाल उच्चतम न्यायालय में गेमक्राफ्ट को दिए गए नोटिस पर सुनवाई कर रहा है जिसने इस साल की शुरुआत में कर नोटिस को रद्द करने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले पर स्थगन आदेश जारी किया था।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 50वीं बैठक में 28 प्रतिशत जीएसटी दर को लागू करने का निर्णय लिया गया। हालांकि राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा के अनुसार, 28 फीसदी जीएसटी कुछ नया नहीं है। उन्होंने खुलासा किया कि रियल मनी गेम्स को हमेशा 28 फीसदी टैक्स लगाया जाता था, जबकि प्लेटफॉर्म बेस गेमिंग के रेवेन्यू में 18 फीसदी का टैक्स लगाया जाता था।