प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महादेव बुक सट्टेबाजी जांच के संबंध में एक चौंकाने वाला दावा किया। ईडी ने कहा गया है कि छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को अवैध ऐप प्रमोटरों से 508 करोड़ रुपये मिले हैं। छत्तीसगढ़ में महादेव एप एक बड़ा मुद्दा है और ईडी ने विधानसभा चुनाव से ठीक चार दिन इतना बड़ा खुलासा किया है। यह पहली बार है कि चुनावों के दौरान ईडी ने साफतौर पर कहा है कि किसी राज्य के मुख्यमंत्री ने किसी व्यक्ति या कंपनी से सीधे तौर पर रिश्वत ली है।
ईडी पिछले दो दिनों से छत्तीसगढ़ में महादेव एप के पैसे डिलीवर करने वाले एक व्यक्ति असीम दास का पीछा कर रही थी, जिसके पास से 5.39 करोड़ रुपये नकद जब्त भी किए हैं। ईडी ने दास को गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ की ओर ये दावा किया।
ईडी के मुताबिक, “असीम दास से पूछताछ से, और उसके पास से बरामद फोन की फोरेंसिक जांच से, और शुभम सोनी (महादेव नेटवर्क के उच्च रैंकिंग आरोपियों में से एक) द्वारा भेजे गए ईमेल की जांच से कई चौंकाने वाले आरोप सामने आए हैं, जांच के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को नियमित भुगतान किया गया है और अब तक महादेव एप के प्रमोटरों द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है,। दरअसल पिछले कई महीनों से ईडी महादेव एप के प्रमोटरों और उसके नेटवर्क की जांच कर रही है। इस दौरान रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं।
खुफिया एजेंसी ने भीम यादव नाम के एक पुलिस कांस्टेबल से भी पूछताछ की थी। उसी दौरान पता चला कि यादव महादेव बुक प्रमोटर्स के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ था। वह पहले भी ड्यूटी पर रहते हुए दुबई की यात्रा कर चुका है।
इसके अलावा, पुलिस कांस्टेबल ने दुबई में रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर से भी कई बार मुलाकात की। मेसर्स आहूजा ट्रेवल्स ने उनकी यात्रा का खर्च वहन किया था, जहां उसने ऐप के कई बड़े और भव्य कार्यक्रमों में भी भाग लिया था। ईडी ने यह भी खुलासा किया कि उनकी यात्राओं से छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ अधिकारियों और राजनेताओं को फायदा हुआ।
कांग्रेस ने महादेव बुक रैकेट में ईडी के दावों को खारिज किया
इसके विपरीत, बघेल के डिप्टी टीएस सिंह देव ने दावों को खारिज कर दिया और कहा कि ये पूरी तरह से फर्जी हैं। देव ने आगे कहा कि सारे दावे सिर्फ चुनाव से पहले गलत बातें फैलाने के लिए किये जा रहे हैं। इससे पहले, कई कांग्रेस पदाधिकारियों ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार कांग्रेस की राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर रही है।
यह समझा जाता है कि चंद्राकर और उप्पल सहित महादेव बुक के प्रमोटर दुबई से सट्टेबाजी रैकेट का संचालन करते हैं। हाल ही में उनका वानुअतु का पासपोर्ट भी ईडी की नजर में आया था. इसके अलावा, ईडी ने मुख्य आरोपी के खिलाफ कई नोटिस जारी किए हैं। दरअसल, एजेंसी ने आरोपी को भारत वापस भेजने में मदद के लिए इंटरपोल को भी सूचित किया है।