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EGF ने जीएसटी नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, सीजीएसटी प्रावधानों को दी चुनौती

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Supreme Court of India
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Industry एसोसिएशन ई-गेमिंग फेडरेशन (ईजीएफ) और real money gaming platform A23 ने सीजीएसटी अधिनियम, 2017 प्रावधानों और सीजीएसटी नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अपनी अपील में कहा गया है कि हालिया संशोधनों और 28% जीएसटी प्रावधानों की व्याख्या से पहले मौजूद है। ख़ास बात ये है कि डीजीजीआई और गेम्सक्राफ्ट मामले में ईजीएफ पहले से ही एक पार्टी है।

ईजीएफ ने कहा कि उसके मेंबर्स को डीजीजीआई ने कारण बताओ नोटिस (show qause notice to EGF members) जारी किए जाने के बाद इस अपील को फाइल किया गया है और याचिका में सीजीएसटी अधिनियम के प्रावधानों की संवैधानिक वैधता सहित नए मुद्दे उठाए गए हैं। A23 को डीजीजीआई ने जो नोटिस भेजा है, उसमें 6,500 करोड़ रुपये की मांग की गई है। ईजीएफ ने दावा किया कि कारण बताओ नोटिस इस आरोप पर आधारित है कि खेले गए खेल जुआ और सट्टेबाजी हैं। ईजीएफ ने कहा कि जो पैसा कंपनियों के पास जमा होता है, वो अप्रवर्तनीय जुआ ऋण (unenforceable gambling debts) है, जिसे जुए और सट्टेबाजी के समान नहीं माना जा सकता है।

याचिका में कहा गया है कि सीजीएसटी नियमों के नियम 31ए के तहत अपनाए गए उपाय का जीएसटी के चरित्र से कोई संबंध नहीं है और संसद के पास संविधान के अनुच्छेद 246ए के तहत कोई विधायी क्षमता नहीं है। ईजीएफ ने कहा कि नोटिस सीधे तौर पर स्थापित न्यायशास्त्र के विपरीत हैं कि कौशल के खेल चाहे दांव के लिए खेले जाएं या नहीं, सट्टेबाजी और जुआ नहीं हैं।
गेम्सक्राफ्ट मामले की सुनवाई 15 दिसंबर को होने की उम्मीद है और ईजीएफ मामले को भी उसी के साथ टैग किया जा सकता है। पिछली सुनवाई में, डीजीजीआई ने नोटिस को रद्द करने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ स्टे लिया था। इसके बाद, देश भर में कई गेमिंग कंपनियों और गोवा और सिक्किम में कैसीनो चलाने वालों को टैक्स वसूली के लिए नोटिस जारी किए गए थे।

नोटिस से परेशान गेमिंग कंपनियों ने विभिन्न उच्च न्यायालयों का दरवाजा खटखटाया है। वर्तमान में, जीएसटी नोटिस को चुनौती देने वाली याचिकाएं बॉम्बे, सिक्किम, गुजरात और कलकत्ता के उच्च न्यायालयों में लंबित हैं।

कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष हाल ही में हुई सुनवाई में, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने कहा कि डीजीजीआई एक आम रणनीति तैयार करेगा और विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित समान कर मामलों को एक साथ जोड़ने के लिए जल्द ही सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है।

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