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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई के कैश कुरियर एजेंट पर मारे छापे, महादेव बुक से जुड़ा है मामला

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अंडरवर्ल्ड से जुड़े सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म महादेव बुक ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आठ कैश कूरियर इकाइयों (अंगड़िया) के कार्यालयों पर छापा मारा है। असल में इससे पहले ईडी छत्तीसगढ़ में भी छापेमारी कर चुकी है और वहां पर सीएम भूपेश बघेल के सलाहकार को गिरफ्तार कर पूछताछ की थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महादेव बुक ऐप के प्रमोटरसौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के आदेश पर हवाला ऑपरेटरों को नकदी की आपूर्ति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के संदेह में एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी ने दक्षिण मुंबई और मलाड क्षेत्रों में इन आंगडिया पर छापा मारा था। जो हवाला के जरिए पैसा पहुंचाते थे। अंगडिया पारंपरिक कूरियर हैं जिनका उपयोग जौहरियों, सर्राफा व्यापारियों और अन्य व्यवसायों द्वारा एक छोटे प्रतिशत शुल्क के लिए तरल नकदी और कीमती धातुओं को उधर उधर किया जाता है।

जांच एजेंसी के अनुसार, इन अंगाड़िया पर चंद्राकर की शादी के लिए मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का संदेह है, जो इस साल फरवरी में दुबई में हुई थी। सूत्रों ने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि करोड़ों रुपये अंगडिया के जरिए एक इवेंट मैनेजमेंट फर्म को भेजे गए जिसने समारोह में फिल्मी सितारों के शामिल होने की व्यवस्था की थी। एजेंसी को संदेह है कि अभिनेताओं को हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से नकद में भुगतान किया गया था।

ईडी ने इवेंट मैनेजमेंट कंपनी पर की थी छापेमारी

चंद्राकर और उनके सहयोगी उप्पल ने महादेव बुक ऐप के तहत कई वेबसाइटों और ऐप को बनाया था। जिसके जरिए उन्होंने अरबों का कारोबार किया। ये वेबसाइट और ऐप ऑनलाइन कैसीनो और सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म हैं और इनकी गतिविधियां अवैध हैं। माना जा रहा है कि दोनों छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं और दुबई में छिपे हुए हैं।

20 हजार करोड़ रुपये का है कारोबार

महादेव बुक ऐप का कारोबार 5,000 करोड़ रुपये से 20,000 करोड़ रुपये के बीच होने का अनुमान है, और कंपनी की देश भर में हजारों फ्रेंचाइजी हैं, जिनमें सबसे अधिक संख्या छत्तीसगढ़ में है। यह भी आरोप है कि चंद्राकर और उप्पल नियमित रूप से कई पुलिस अधिकारियों को रिश्वत दे रहे थे, और इनमें से कुछ अधिकारी दो वांछित आरोपियों से मिलने के लिए दुबई गए थे। वहीं पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में इस बात का खुलासा हुआ था कि वहां पर एक पुलिस अफसर को हर महीने 65 करोड़ रुपये मिल रहे थे। जिसे वह पुलिस अफसरों और नेताओं को पहुंचा रहा था। फिलहाल ईडी इस मामले की जांच कर रही है।

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