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Former director of Parimatch meet RC: विदेशी जुआ कंपनी के पूर्व निदेशक की राजीव चंद्रशेखर के साथ मुलाकात

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Rajiv Chandrashekhar
Rajiv Chandrashekhar
Former director of Parimatch meets RC: इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट (Directorate of Enforcement) के विदेशी गैंबलिंग कंपनियों (foreign Gambling companies ) पर छापों के बीच इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर विदेशी बैटिंग कंपनी के एक पूर्व अधिकारी से मुलाकात की हैं।

केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने हाल ही में विदेशी जुआ कंपनी परीमैच कंपनी के पूर्व डायरेक्टर  निकोलस थॉम्सुक (Nicholas Tymoshchuk) से मंत्रालय में मुलाकात की थी, हालांकि अब निकोलस साइप्रस की एक गेमिंग फंड एनरगेम (Cyprus based gaming focused investment fund Energame) में कॉर्पोरेट अफेयर्स डायरेक्टर हैं।

खास बात यह है कि जिस कंपनी में निकोलस फरवरी तक काम कर रहे थे। उस कंपनी के खिलाफ भारत सरकार, फेमा, money-laundering और जीएसटी चोरी जैसे गंभीर अपराधों की जांच कर रही है। इससे पहले भी देश में  विदेशी गैंबलिंग कंपनियों के डोमेन नेम ब्लॉक अनब्लॉक होते रहते हैं। किसी  जुआ कंपनी का डोमेन नेम अगर ब्लॉक होता है, तो एक-दो दिन के बाद वह दोबारा से काम भी करने लग जाता है। ऐसे में बार-बार सवाल यह उठ रहा है कि जिस आधार पर यह डोमेन नेम ब्लॉक होते हैं फिर उसे अनब्लॉक कौन करवा रहा है?

देश से हर साल विदेशी गैंबलिंग कंपनियां एक लाख करोड़ से ज्यादा लोगों का पैसा लेकर जा रहे हैं। हाल ही में ईडी ने अपनी रेड में 4000 करोड़ से ज्यादा विदेशों में पैसे भेजने का रैकेट पकड़ा है। यह विदेशी जुआ कंपनियां भारत में अलग-अलग नामों से काम कर रही हैं और भारत में आउटडोर अखबारों छोटी वेबसाइट पर विज्ञापन देकर लोगों को जुआ खेलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इनके खिलाफ  सूचना प्रसारण मंत्रालय कई एडवाइज़री जारी कर चुका है। ये गैंबलिंग कंपनियां ना तो भारत में रजिस्ट्रर्ड है और ना ही यह किसी भारतीय कानून को मानती हैं। ऐसे में यह इतने लंबे अरसे से भारत में कैसे काम कर रही हैं इन को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। देश की सबसे बड़ी गेमिंग एसोसिएशन ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन भी इन अवैध कंपनियों को लेकर प्रधानमंत्री से लेकर सभी मंत्रालय को चिट्ठियां लिख चुकी है, लेकिन कार्यवाही ना के बराबर ही होती है।

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