GST on gaming: ऑनलाइन स्किल गेमिंग सेक्टर पर टैक्स स्ट्रक्चर में भारी बदलाव से इंडस्ट्री का इकोसिस्टम (Ecosystem of online skill gaming industry) बिगड़ सकता है। अगर खेली जाने वाली पूरी रकम पर टैक्स लगा दिया ( taxation on the entire contest entry amount) जाएगा तो इससे खेलने की लागत ही तीन से चार गुना बढ़ जाएगी। ऐसे में ऑनलाइन स्किल इंडस्ट्री में आ रहे विदेशी निवेश, रेवेन्यू और स्टार्टअप इंड्सट्री का इकोसिस्टम बिगड़ सकता है। देश के प्रमुख बिजनेस चैंबर एसोचैम ने ईएंडवाय (Assocham and E&Y) के साथ मिलकर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक सही टैक्स स्ट्रक्चर के जरिए से सरकार इस सेक्टर से रेवेन्यू ग्रोथ ले सकती है।
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Online gaming -Impact on the industry.pdf
इस रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया के प्रमुख देशों (ब्रिटेन, अमेरिका) में प्लेटफार्म फीस पर ही टैक्स लिया जाता है। भारत में भी अभी प्लेटफार्म फीस पर ही 18 परसेंट का जीएसटी इंड्स्ट्री दे रही है। इसे आगे बढ़ाकर 28 परसेंट करने का विचार जीएसटी काउंसिल कर रही है। हालांकि टैक्स लगाने के तरीके पर एक विचार पूरी रकम पर लगाने का भी था, इसको लेकर इस रिपोर्ट में लिखा गया है कि अगर ऐसा होता है तो ऑनलाइन स्किल गेम्स खेलने की लागत कई गुना बढ़ जाएगी।
दूसरी ओर अगर ऑनलाइन स्किल गेमिंग इंडस्ट्री की प्लेटफार्म फीस या जीजीआर पर जीएसटी लगाया जाता है तो इससे सरकार की इस सेक्टर से टैक्स आमदनी में 50 परसेंट तक बढ़ सकती है। फिलहाल ये सेक्टर करीब 2200 करोड़ रुपए टैक्स के तौर पर सरकार को देता है। फिलहाल इस इंड्सट्री में 500 से ज्य़ादा कंपनियां काम कर रही हैं, दुनियाभर में गेमिंग इंडस्ट्री का कारोबार लगभग 40 बिलियन डॉलर का है। अगर भारतीय कंपनियां इसमें से 5 परसेंट हिस्सेदारी भी करती है तो हर साल 1.60 लाख नई नौकरियां मिल सकती है।