विशाखापत्तनम में विजाग साइबर पुलिस ने ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म का उपयोग करके अवैध सट्टा कराने के आरोप में 11 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने 63 बैंक खातों को भी फ्रीज कर दिया है, जिनका इस्तेमाल ऑपरेशन में किया गया था। इस साल की शुरुआत में शहर में महादेव बुक ऐप से जुड़े मामले में गिरफ्तारियां हुई थीं। इसके अलावा, ऐप से जुड़े और मामले सामने आने के बाद इसी मामले में 10 और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था।
इस छापे के बारे में बात करते हुए पुलिस उपायुक्त के श्रीनिवास राव ने कहा कि पूरी जांच तब शुरू हुई जब येरा सत्तीबाबू नामक एक व्यक्ति ने सूरीबाबू नामक अपने एक रिश्तेदार के ऑनलाइन सट्टेबाजी में 8 लाख रुपये हारने को लेकर शिकायत दर्ज कराई। इस प्लेटफॉर्म में धांधली का पता चलने के बाद सत्तीबाबू ने तुरंत पुलिस को मामले के बारे में सूचित किया। इसके बाद साइबर पुलिस ने कार्रवाई की और इसमें शामिल व्यक्तियों के परिसरों पर छापा मारा। पुलिस का कहना है कि 36 खातों में 367.62 करोड़ रुपये के लेनदेन हुआ है और बैंक खातों से 75 लाख रुपये भी फ्रीज कर दिए गए हैं। इसके साथ ही परिसर से 12 मोबाइल फोन जब्त किए।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में हांडा दिनेश कुमार, मेरुपु रेड्डी सूरी बाबू, बर्री श्रीनू, गुर्रम शिवा, अल्लू नूकार्जू अविनाश, किलाडी श्रीनिवास राव, उरीती कोंडाबाबू, उरैती वेंकटेश्वरलू, सुंदरपु गणेश, दुली नुकाराजू और वुप्पू वासुदेवराव शामिल हैं। राव ने आगे खुलासा किया कि सत्तीबाबू के रिश्तेदार रेड्डी सूरीबाबू इस धंधे को लीड कर रहा था। वह आईपीएल और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों पर सट्टा लगाकर बड़ी संख्या में लोगों को नुकसान पहुंचाता था। इससे उनका सालाना टर्नओवर 5-6 करोड़ रुपये हो गया।
जीतने वाले का पैसा रोक देते थे सट्टेबाज
सट्टेबाज वेबसाइट और एप्लिकेशन में हेरफेर करते थे। जो लोग जीतते थे उन्हें पैसे निकालने से रोक दिया जाता था। यह महादेव बुक अवैध सट्टेबाजी ऐप घोटाले का ट्रेडमार्क तरीका है।