महाराष्ट्र में नागपुर अपराध शाखा ने खोबरागड़े अस्पताल में लूटपाट के आरोप में अमोल चाफेकर नाम के एक चोर को उसके साथी अफरोज अंसारी के साथ गिरफ्तार किया था। अब पुलिस की जांच में ये बात सामने आयी है कि चाफेकर एक ऑनलाइन जुआ और गेमिंग का आदी है और उसी के लिए वह चोरी करता था और चोरी के पैसे का इस्तेमाल गेमिंग के लिए करता था। ये दोनों पहले भी कई चोरियों को अंजाम दे चुके हैं।
दोनों ने अस्पताल से 89,000 रुपये और सीसीटीवी रिकॉर्डिंग मशीन चुरा ली थी। उन्हें पास की एक जगह के सीसीटीवी फुटेज में देखा गया था और जिसके बाद उन्हें अरेस्ट किया गया था। पुलिस की पूछताछ में चाफेकर ने खुलासा किया कि अंसारी उसके साथी के रूप में काम करता था। मामले में आगे की जांच से पता चला कि दोनों जेल में मिले और एक साथ काम करना शुरू कर दिया। चाफेकर शहर के वाणिज्यिक जिले इतवारी में हुई कई अन्य डकैतियों में भी शामिल था। टीओआई की रिपोर्ट से पता चलता है कि वह सट्टेबाजी का आदी था और ऑनलाइन जुए पर चोरी किए गए अधिकांश पैसे हार गया था।
इस बीच, माना जाता है कि उसकी पत्नी को भी उसकी गतिविधियों के बारे में पता था क्योंकि उसने हाल ही में चाफेकर की गिरफ्तारी के बाद दो आईफोन खरीदे थे। खोबरागड़े अस्पताल में लूट के तुरंत बाद उसने कथित तौर पर एक सैलून और स्पा में लगभग 10,000 रुपये खर्च किए।
मामले की जांच कर रहे है सहायक उपनिरीक्षक सतीश पांडे, कांस्टेबल दीपक लाकड़े और वरिष्ठ निरीक्षक मुकुंद ठाकरे की अपराध शाखा टीम के कुछ अन्य लोगों ने चाफेकर और अंसारी के पास से दो लाख रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की।
ऑनलाइन गेमिंग के कारण बढ़ रहें अपराध
ऑनलाइन जुआ भारत में तेजी से बढ़ती समस्याओं में से एक है और जबकि चाफेकर पहले से ही एक सीरियल चोर था, कई अन्य केवल उस पैसे का भुगतान करने के लिए चोरी करते थे। आज कल लोग बैंक से भी उधार लेकर गेमिंग में बर्बाद कर रहे हैं। इसके साथ ही कई लोग आत्महत्या भी कर चुके हैं।