#SaveOurMissingGirls : भारत के यूनिकॉर्न गेमिंग प्लेटफॉर्म मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) ने मिसिंग लिंक ट्रस्ट के साथ मिलकर ह्यूमन ट्रैफिकिंग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए #SaveourMissingGirls अभियान शुरू किया है। यह अभियान व्यक्तियों की तस्करी के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के विश्व दिवस 30 जुलाई से शुरू होता है और एक सप्ताह तक चलेगा।
अप्रैल में, MPL ने मिसिंग लिंक ट्रस्ट द्वारा विकसित दुनिया का पहला एंटी-ट्रैफिकिंग गेम, MISSING लॉन्च किया। मराठी, बंगाली, मलयालम, कन्नड़, पंजाबी, तेलुगु, गुजराती, मैथिली और तमिल में उपलब्ध है और मानव तस्करी की अंधेरी दुनिया के बारे में लोगों की जागरूकता बढ़ाता है।
एमपीएल टेक्नॉलॉजी और ऑनलाइन गेमिंग (Technology and online gaming) की मदद से इस जागरूकता को फैलाएगा, ताकि ये मानव तस्करी को खत्म करने में मदद करे। वे इस अभियान का उपयोग लोगों को रोल-प्लेइंग गेम से सचेत और शिक्षित करने के लिए करेंगे।
एमपीएल इंडिया के कंट्री हेड, नम्रता स्वामी के मुताबिक “मानव तस्करी की रोकथाम में टेक्नॉलॉजी की एक बड़ी भूमिका है और हमारा मानना है कि ऑनलाइन गेमिंग संवेदनशील लोगों के लिए एक दिलचस्प तरीका हो सकता है, साथ ही ये मानव तस्करी के उन्मूलन के बारे में लोगों में जागरूकता को बढ़ा सकता है। #SaveourMissingGirls अभियान का एक प्रमुख उद्देश्य अधिक लोगों को सतर्क करने के लिए गेम का उपयोग करना है। हमारे प्लेटफॉर्म पर लॉन्च होने के बाद से हमें एमपीएल के उपयोगकर्ताओं से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है।
एमपीएल ने यह भी खुलासा किया कि भारत में हर घंटे औसतन 1,827 महिलाओं की तस्करी की जाती है और संख्या बढ़ रही है और तस्करी के इस काले कारोबार में हर साल कुल तस्करी हुई महिलाओं में लगभग 40% किशोर और बच्चे भी हैं।
“मानव तस्करी दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा संगठित अपराध है और दुनिया भर में और भारत में संख्या खतरनाक रूप से बढ़ रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार,हर साल लगभग 16 मिलियन महिलाएं यौन तस्करी का शिकार होती हैं। इन पीड़ितों में से 40% किशोर और बच्चे हैं, ”।
रोल-प्लेइंग गेम उपयोगकर्ताओं को एक लापता लड़की की भूमिका निभाने और मानव तस्करी की अंधेरी दुनिया का अनुभव प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। खेल फंसे हुए उपयोगकर्ताओं को इस दुनिया से बाहर निकलने के लिए भी विकल्प भी प्रदान करता है।