छत्तीसगढ़ समेत देश के कई राज्यों में कुख्यात महादेव बुक अवैध सट्टेबाजी ऐप के खिलाफ एक और कार्रवाई में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। रायपुर पुलिस ने जून की शुरुआत में 14 व्यक्तियों की हालिया गिरफ्तारी के बाद एक और सफलता हासिल की है। शहर की पुलिस ने इस मामले में और महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र की है। पुलिस का कहना है कि इन लोगों के जरिए बड़े वित्तीय लेनदेन के सबूत मिले हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार व्यक्तियों के समूह ने 17 बैंक खातों से 30 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन भी किया था। ये सभी खाते गरीब लोगों और छात्रों की आईडी का उपयोग करके बनाए गए थे, जिन्हें हर महीने मुआवजे में 2-3 हजार रुपये दिए गए थे।
आईबीसी 24 के अनुसार, इन खातों का उपयोग महादेव बुक उपयोगकर्ताओं से धन संग्रहीत करने के लिए किया गया था और फिर विभिन्न शोधन विधियों का उपयोग करके देश से बाहर ले जाया गया था। उक्त 17 खातों में 30 करोड़ में से एक खाते में आधे से अधिक धन था। पुलिस फिलहाल इन खातों की जांच कर रही है।
पुलिस के अनुसार, प्रसून द्विवेदी, युवराज साहू, कौशल साहू और अन्य सट्टेबाज मालिकों को सूचित किए बिना नियमित आधार पर करोड़ों का लेन-देन कर रहे थे। फर्जी नंबरों को लेकर टेलीकॉम ऑपरेटरों को उन्हें डीएक्टिवेट करने की सूचना दे दी गई है। पिछली गिरफ्तारी के दौरान, पुलिस ने सफलतापूर्वक 2 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक खातों को ब्लॉक कर दिया था। इनके पास से 13 एटीएम कार्ड, दो मोबाइल फोन और कुछ नकदी भी बरामद की गई है।
पूरे देश में फैला है महादेव बुक का नेटवर्क
गिरफ्तारी और मौजूदा खुलासे को देखें तो साफ है कि मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर द्वारा संचालित किए जा रहे महादेव बुक के सट्टे का अवैध कारोबार लोगों की सोच से कहीं बड़ा है। नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है, लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य में सबसे अधिक सक्रिय प्रतीत होता है। छत्तीसगढ़ जुआ (निषेध) विधेयक, 2023 को भी राज्यपाल से मंजूरी मिल गई है, जिसके तहत राज्य में ऑनलाइन जुआ प्रतिबंधित होगा। ऑनलाइन रम्मी, पोकर और फैंटेसी स्पोर्ट्स जैसे स्किल गेम्स को नए कानून के दंडात्मक प्रावधानों से छूट दी गई है।