महादेव बुक मामले में अब ईडी ने बड़़ा एक्शन लिया है। असल में अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महादेव बुक अवैध सट्टेबाजी रैकेट के सरगना सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया है। एजेंसियों का मानना है कि दोनों के वांछित आतंकवादी और भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से संबंध हो सकते हैं।
छत्तीसगढ़ पुलिस चंद्राकर और उप्पल के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर चुकी है। ये दोनों अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र से बाहर अवैध सट्टेबाजी रैकेट का संचालन कर रहे हैं। कुछ दिन पहले एएसआई चंद्रभूषण वर्मा और सीएम भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने ये नया एक्शन लिया है। हाल ही में भाजपा के प्रदेश महासचिव, ओपी चौधरी ने कहा कि अकेले इस पैमाने पर काम करना असंभव है और आरोप लगाया कि चंद्राकर को माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम का समर्थन प्राप्त है।
जानकारी के मुताबिक चंद्राकर और उप्पल ने महादेव बुक का उपयोग करके अब तक 6,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है। गौरतलब है कि महादेव बुक के संचालक अपने अवैध सट्टेबाजी रैकेट के लिए सामूहिक रूप से मोटी रकम का लेन-देन करने के लिए फर्जी बैंक खातों का इस्तेमाल करते हैं। इसके बाद सारा पैसा हवाला नेटवर्क के जरिए दुबई ट्रांसफर कर दिया जाता है।
सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल हैं मास्टरमाइंड
सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने स्थानीय सट्टेबाजों के रूप में शुरुआत की थी। ये लोग जूस और टायर की छोटी दुकानें चलाते थे। चंद्राकर को कई बार गिरफ्तार किया गया था। लेकिन बाद में वह दुबई चला गया, जहां से वह अब उप्पल के साथ अपने अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क का संचालन करता है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने पिछले साल महादेव बुक सट्टेबाजी ऐप के खिलाफ एक ऑपरेशन शुरू किया था और अब तक कई गिरफ्तारियां की हैं। इसके बावजूद, ऑपरेशन का कोई प्रभाव नहीं दिख रहा है। क्योंकि यहां पर सरकारी तंत्र के कई लोग उप्पल और चंद्राकर से मिले हुए हैं।
हर महीने मिलती थी 65 करोड़ की रिश्वत
एएसआई चंद्रभूषण वर्मा ने कथित तौर पर 65 करोड़ रुपये रिश्वत ली और अन्य अधिकारियों के बीच वितरित किए। पूछताछ के दौरान वर्मा के खुलासे के बाद ईडी ने नए समन नोटिस भेजे हैं। चंद्राकर के खिलाफ इस नए एलओसी के साथ, ईडी अब अवैध सट्टेबाजी ऐप के मास्टरमाइंड की तलाश में भी है। उम्मीद है कि एजेंसी अवैध सट्टेबाजी संचालन रैकेट पर अंकुश लगाने में सफल होगी।