गेमिंग सेक्टर के लिए 15 दिसंबर एक महत्वपूर्ण दिन होने जा रहा है। जहां एक ओर गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में 15 दिसंबर को ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की बैठक होने जा रही है, वहीं दूसरी ओर गेमिंग सेक्टर के सबसे बड़े मुद्दे जीएसटी पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है।
जीएसटी पर 28 परसेंट टैक्स लगाने के दौरान जिस तरह से विभिन्न राज्यों के बीच में मतभेद के साथ साथ गेम ऑफ स्किल और गेम ऑफ चांस के बीच के अंतर पर सवाल खड़े होते रहे। इसपर सरकार कुछ बड़ा फैसला करने जा रही है, इसके साथ ही विदेशी गैंबलिंग कंपनियों पर लगाम लगाने पर भी फैसला इस जीओएम को करना है। भाजपा ने छत्तीसगढ़ में जिस तरह से महादेव एप का मुद्दा उठाया था, उससे साफ है कि मोदी सरकार को इसपर बड़ा फैसला लेना है।
15 दिसंबर को ही सुप्रीम कोर्ट ने गेम्सक्राफ्ट जीएसटी नोटिस के मुद्दे की सुनवाई करनी है। गेमिंग कंपनियों को डीडीजीआई ने करीब 1.50 लाख करोड़ रुपये के टैक्स नोटिस भेजे हुए हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की गेम्सक्राफ्ट टैक्स नोटिस का मुद्दा पूरी इंडस्ट्री को प्रभावित करेगा। पिछले कुछ समय में गेमिंग इंडस्ट्री को लेकर सरकार ने कई सख्त कदम उठाए थे, इसमें सबसे बड़ा कदम जीएसटी परिषद ने गेमिंग, कैसिनो और हार्स रेसिंग पर 28 परसेंट जीएसटी लगाने का फैसला किया था। केंद्र सरकार ने इसको लेकर तेज़ी दिखाते हुए एक अक्टूबर से इसको लागू करने की घोषणा भी कर दी थी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के गेम्सक्राफ्ट मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले पर स्टे के बाद पूरी इंडस्ट्री को बड़ी संख्या में टैक्स नोटिस मिले हैं।