सरकार के लिए मुश्किलों का कारण बन चुकी ऑनलाइन गेमिंग को रेगुलेट (Online gaming regulation) करने से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की पहली बैठक 15 दिसंबर को होने की संभावना है। ऑनलाइन गेमिंग को लेकर सरकार के बीच आपसी सहमति और अलग अलग नियमों के चलते इस बढ़ती हुई इंडस्ट्री पर दबाव बहुत बढ़ गया है। इसको सुलझाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Minister Home Affairs, Amit Shah) के नेतृत्व में एक जीओएम का गठन किया गया है।
एक अधिकारी के मुताबिक हालांकि अभी तक जीओएम की कुछ अनौपचारिक बैठकें हो चुकी हैं, पहली आधिकारिक बैठक में ऑनलाइन गेमिंग को रेगुलेट करने की प्रक्रिया के लिए माहौल तैयार होगा। जिसमें इस इंडस्ट्री पर टैक्स लगाने और अवैध जुए खासकर ऑफश्योर को रोकने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। “कुछ सरकारी अधिकारियों ने महसूस किया कि MeitY द्वारा पेश किए गए गेमिंग नियमों को लागू करने के लिए कानूनी प्रावधानों का अभाव है, खासकर उन मामलों में जहां गेमिंग कंपनियां भारत के बाहर से चल रही होती हैं।”
प्रस्तावित जीओएम में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर हैं।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, जीओएम की अब तक हुई बैठकों में कुछ गेमिंग कंपनियों ने मनी लॉन्ड्रिंग का मुद्दा भी उठाया है। साथ ही “महादेव सट्टेबाजी ऐप में उजागर हुई अनियमितताएं कोई अलग मामला नहीं है।
अप्रैल में, सरकार ने गेमिंग पर नए नियमों को शामिल करने के लिए 2021 के सूचना प्रौद्योगिकी नियमों में संशोधन किया था। इन नियमों ने, जुए और सट्टेबाजी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाते हुए, सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी बनाने पर विचार भी प्रस्तावित किया था।