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Gaming SRB का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में, अब PMO बनाएगा गेमिंग को लेकर नीति

गेमिंग इंडस्ट्री के लिए सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी बनाने की कवायद अब ठंडे बस्ते में चली गई है। इंडस्ट्री ने इस कवायद के लिए काफी काम किया था, खुद MeitY राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर भी इसको इंडस्ट्री से बातचीत कर रहे थे। लेकिन अब उन्होंने खुद ही एसआरबी को लेकर कहा है कि यह आगे नहीं बढ़ रही है।

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Rajiv Chandrasekher
Rajiv Chandrasekher

Gaming SRB: दिल्ली हाई कोर्ट में एक एनजीओ (SOCH) के गेमिंग इंडस्ट्री पर सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी (Self Regulatory Body) बनाने के खिलाफ दायर पीआईएल के बाद अब केंद्र सरकार ने भी एसआरबी बनाने की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफोरमेशन टेक्नॉलॉजी (MeitY) राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक इंटरव्यू में कहा कि एसआरबी के मुद्दे पर योजनाएं आगे नहीं बढ़ रही थी, हमें एसआरबी के लिए अभी तक एक ही आवेदन मिला था, जोकि हमें पसंद नहीं आया था। इसके बाद सरकार खुद ही एसआरबी जैसा कोई नियामक बनाकर उससे गेमिंग इंडस्ट्री पर कंट्रोल कर सकती है।

अंग्रेजी अखबार मिंट में छपी ख़बर के मुताबिक, दिसंबर के आखिरी हफ्ते में गेमिंग को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय में कुछ बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। जिसमें गेमिंग इंडस्ट्री के रेगुलेटर पर भी फैसला लिया जा सकता है। इससे पहले गेमिंग इंडस्ट्री में गेम्स को लेकर इंड्स्ट्री खुद ही एसआरबी बना रही थी, इसको लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफोरमेशन टेक्नॉलाजी मंत्रालय ने नोटिफिकेशन भी जारी किया था। लेकिन इसको लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में एक पीआईएल दायर हो गई थी। इसके बाद सरकार को अपने कदम पीछे खींचने पड़े हैं। फिलहाल पीएमओ गेमिंग इंडस्ट्री पर नियम बनाने पर विचार कर रहा है।

एसआरबी बनाने को लेकर गेमिंग इंडस्ट्री ने तीन प्रस्ताव मंत्रालय में भेजे थे, लेकिन अब मंत्रालय कह रहे हैं कि उसे एक ही प्रस्ताव मिला है। दरअसल हाई कोर्ट में दायर अपील के बाद मंत्रालय अपने नोटिफिकेशन पर कानूनी तौर पर अपनी राय रखने में काफी परेशान था। फिलहाल देश में सैकड़ों गेमिंग कंपनियां काम कर रही हैं, लेकिन यह कंपनियां क्या गेम खिलाती हैं और लोगों के पैसे को कैसे रखती हैं, इसपर कोई नियम नहीं है।

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