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Illegal gambling हुई काबू से बाहर, सालाना 100 बिलियन डॉलर का डिपॉजिट

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online gaming or Gambling
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Illegal gambling: भारत में अवैध सट्टेबाज़ी लगातार बढ़ रही है, सेंटर फॉर नॉलेज सॉवरिन्टी (CKS) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अवैध सट्टेबाजी बाजार में सालाना 100 बिलियन डॉलर का डिपॉजिट होने का अनुमान है और यह 30% की दर से बढ़ रहा है।

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लेफ्टिनेंट जनरल विनोद जी. खंडारे और विनीत गोयनका की एक रिपोर्ट, “भारत में अवैध जुआ और सट्टेबाजी: जोखिम, चुनौतियाँ और प्रतिक्रियाएँ”, में ऑफश्योर गेमिंग, सट्टेबाजी और जुआ ऐप द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा, डेटा संप्रभुता और फाइनेंशियल जोखिमों पर प्रकाश डाला गया है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, अवैध जुआ अब अनियंत्रित हो रहा है। इसमें खुलासा किया गया है कि कई अवैध सट्टेबाजी गतिविधियाँ विदेशी एजेंसियों से जुड़ी हुई हैं। यह इटेंलिजेंस, ​​डेटा उल्लंघनों और मनी लॉन्ड्रिंग के बारे में गंभीर सवाल पैदा करता है, जो संभावित कर राजस्व से बचते हुए संदिग्ध लेनदेन और क्रिप्टोकरेंसी सौदों के माध्यम से भारत के वित्तीय इकोसिस्टम को प्रभावित कर रहा है
इसके अलावा, रिपोर्ट में डेटा सुरक्षा चिंताओं पर प्रकाश डाला गया है। अवैध प्लेटफ़ॉर्म उपयोगकर्ता जानकारी इक्ठ्ठा करते हैं और फिर उसे बेच देते हैं। जिससे साइबर अपराधियों के पास डेटा पहुंच रहा है।

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सीकेएस के संस्थापक सचिव विनीत गोयनका ने कहा, “अवैध जुए की अनियंत्रित बढ़ोतरी भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक अखंडता के लिए एक गंभीर खतरा है। यह जरूरी है कि हम इन गतिविधियों को काबू करने के लिए सक्रिय कदम उठाएं।” हम अपने नागरिकों और अर्थव्यवस्था को अवैध जुए के प्रतिकूल प्रभावों से बचा सकते हैं और वैध गेमिंग ऑपरेटरों को भारत में पनपने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।”

इन निष्कर्षों के जवाब में, श्वेत पत्र जुए के विज्ञापनों और जन जागरूकता अभियानों पर सख्त नियमन का प्रस्ताव करता है। यह अवैध सट्टेबाजी और जुआ गतिविधियों से जुड़े जोखिमों को दूर करने के लिए सरकारी एजेंसियों, वित्तीय संस्थानों और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के बीच सहयोगात्मक प्रयासों का आह्वान करता है।

रिपोर्ट में ऑनलाइन कौशल-आधारित गेमिंग को वैध बनाने और विनियमित करने के महत्व पर भी जोर दिया गया है ताकि उपभोक्ताओं की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था में योगदान करने के लिए एक सुरक्षित विकल्प प्रदान किया जा सके। नीतिगत ढांचे को लागू करके, भारत अपने नागरिकों और आर्थिक हितों को अवैध जुए से उत्पन्न खतरों से बचा सकता है।

चूंकि भारत अवैध जुए की बढ़ती समस्या का सामना कर रहा है, इसलिए सीकेएस रिपोर्ट से प्राप्त अंतर्दृष्टि राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक अखंडता की रक्षा के लिए नीतियां बनाने में महत्वपूर्ण है, जिससे सभी के लिए अधिक सुरक्षित और अधिक विनियमित गेमिंग वातावरण सुनिश्चित हो सके।

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