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दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेमिंग बाज़ार बना भारत: EGF-Thornton report

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भारत चीन के बाद दुनिया का सबसे बड़ा गेमिंग बाज़ार बन गया है। एक रिपोर्ट से पता चला है कि देश में अब 442 मिलियन यानि 44.2 करोड़ ऑनलाइन गेमर्स हैं, थॉर्नटन भारत और ई-गेमिंग फेडरेशन ने संयुक्त रूप से, ‘गार्डियंस ऑफ़ सेफ प्ले: एथिकल गेमिंग फ़ॉर वाइब्रेंट भारत’ नाम से गेमिंग इंडस्ट्री पर एक रिपोर्ट पब्लिश की है। जिसमें गेमिंग इंडस्ट्री वित्त वर्ष 2025 तक 20% की बढ़ोतरी के साथ 253 बिलियन रुपये तक पहुँचने का अनुमान लगाया गया है।

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रिपोर्ट में रियल मनी गेमिंग (RMG) पर ख़ास फोकस किया गया है, जोकि पूरे गेमिंग इंडस्ट्री के रेवेन्यू का प्रमुख स्रोत है। 2023 में सरकार के 28% GST लगाने जैसी चुनौतियों के बावजूद, रियल मनी गेमिंग पर निवेशक अभी भी निवेश कर रहे हैं। हाल ही में SBI म्यूचुअल फंड ने डिजिटल गेमिंग में 410 करोड़ रुपये के निवेश किया है और कामथ ब्रदर्स ने नाज़ारा टेक्नोलॉजीज को 100 करोड़ रुपये का इंवेस्टमेंट किया है।

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इसके साथ साथ विदेशी निवेश भी भारतीय गेमिंग बाज़ार में काफी हुआ है। दक्षिण कोरियाई दिग्गज गेमिंग कंपनी क्राफ्टन इंक ने अगले कुछ सालों में भारतीय स्टार्टअप्स को 150 मिलियन डॉलर देने का वादा किया है। क्राफ्टन ने पहले ही नोडविन गेमिंग, प्रतिलिपि, कुकूएफएम और लोको जैसे प्रमुख भारतीय गेमिंग और कंटेंट वेंचर्स में $140 मिलियन का निवेश किया है।

रिपोर्ट में इंडस्ट्री के विकास गति को बनाए रखने के लिए सेल्फ रेगुलेशन एक मजबूत आचार संहिता की वकालत की गई है। खिलाड़ी सुरक्षा और उपभोक्ता अधिकारों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, यह साइबर खतरों और वित्तीय धोखाधड़ी जैसे जोखिमों को कम करने वाले नियामक ढांचे की मांग करती है। इसके अलावा, यह रिपोर्ट स्किल और चांस के खेल के बीच अंतर करता है, पब्लिक गेंबलिंग एक्ट और इंटरमिडिएटरी और डिजिटल मीडिया आचार संहिता जैसे कानून मील के पत्थर को नेविगेट करता है।

ई-गेमिंग फेडरेशन के सीईओ अनुराग सक्सेना ने गेमिंग उद्योग के विकास को प्रोत्साहित करने में विश्वास और जिम्मेदारी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। सक्सेना ने कहा, “विश्वास हमारे उद्योग की आधारशिला है।” “जैसा कि भारत का गेमिंग क्षेत्र लगातार विस्तार कर रहा है, खिलाड़ी सुरक्षा और नैतिक प्रथाओं को प्राथमिकता देना सर्वोपरि है। आचार संहिता में समाहित हमारे स्व-नियामक मानकों का उद्देश्य नवाचार, उपभोक्ता संरक्षण और राष्ट्रीय हितों के बीच संतुलन बनाना है।” भारत में निवेश, रणनीतिक साझेदारी और विनियामक स्पष्टता द्वारा समर्थित गेमिंग परिदृश्य में उल्लेखनीय वृद्धि देखने की उम्मीद है, जिससे भविष्य में सभी हितधारकों के लिए सकारात्मकता दिख रही है। जैसे-जैसे उद्योग नए विकास की खोज कर रहा है, हितधारकों को उम्मीद है कि ये बदलाव भारत को वैश्विक गेमिंग नवाचार और स्थिरता में अग्रणी बनने में मदद करेंगे।

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