Home Gambling News Mahadev betting app पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में राज्य अधिकारियों पर उठे सवाल?

Mahadev betting app पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में राज्य अधिकारियों पर उठे सवाल?

महादेव बैटिंग एप के साथ भूपेश बघेल सरकार के समय हुई सांठ गांठ को लेकर छत्तीसगढ़ विधानसभा में मुद्दा उठा है। जहां राज्य के अधिकारियों द्वारा कुछ लोगों को बचाने की बात पूर्व मंत्री और विधायक राजेश मूणत ने कही है।

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Mahadev betting app को लेकर छत्तीसगढ़ भाजपा के विधायक और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने सवाल उठाया है कि राज्य के अधिकारी किसको बचाने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल पिछले भूपेश बघेल सरकार में महादेव एप पर राज्य सरकार की विशेष कृपा थी, इसकी वजह से अभी भी राज्य अधिकारियों की मशीनरी इसपर सख्त कार्रवाई नहीं कर रही है। इसको लेकर मूणत ने सवाल खड़े किए हैंं, इसके जवाब में राज्य सरकार ने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा ने आज राज्य विधानसभा में महादेव ऐप को लेकर सदन में कहा कि इस मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा, इसमें शामिल पाए गए किसी भी व्यक्ति को परिणाम भुगतना होगा। शर्मा ने खुलासा किया कि मामले में शामिल लोगों की संपत्ति के बारे में जानकारी एकत्र की जा रही है, जिसमें चार्टर विमानों के माध्यम से दुबई की यात्रा करने वाले व्यक्तियों की सूची भी शामिल है।

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने महादेव ऐप का मुद्दा उठाया। डिप्टी सीएम शर्मा ने खुलासा किया कि महादेव ऐप मामले में 2022 से अब तक कुल 90 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। इनमें रायपुर में 36, दुर्ग में 23, सरगुजा में 4 और बिलासपुर और जांजगीर में 2-2 शामिल हैं, शर्मा ने आगे बताया कि 507 बैंक खातों से 221 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन की पहचान भी हो चुकी है और 116 लाख रुपये फ्रीज कर दिए गए हैं।

डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा कि जो लोग भारत से भाग गए हैं उनकी संपत्ति की पहचान कर उनका पता लगाने की कोशिश चल रही है। नागपुर से चार्टर विमानों के जरिए दुबई की यात्रा करने वाले व्यक्तियों की पहचान करने की कोशिश भी जारी है और एक लिस्ट तैयार की जा रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

शर्मा ने यह भी बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस मामले की जांच कर रही है, जो अपने अंतिम चरण में है।
अब तक, ईडी द्वारा राज्य सरकार के साथ कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है, जिसकी पुष्टि गृह मंत्री शर्मा ने की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार को 5 फरवरी तक ईडी से कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। मूणत ने अधिकारियों पर सरकार को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ईडी ने 3 जनवरी को राज्य सरकार को एक पत्र भेजा था, जिसके बाद 30 जनवरी को एक रिमांडर भेजा गया था। उन्होंने सवाल किया कि किसके हितों की रक्षा अधिकारी कर रहे है और क्यों। मूणत ने गिरफ्तार एएसआई चंद्र भूषण वर्मा के बयानों का भी हवाला दिया।

जवाब में, गृह मंत्री शर्मा ने दोहराया कि ईडी द्वारा राज्य सरकार के साथ कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार किसी को बचाने का प्रयास नहीं कर रही है और इसमें शामिल पाए गए किसी भी व्यक्ति से निर्णायक रूप से निपटा जाएगा। पिछले पांच वर्षों में दुर्ग में तैनात पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच की मांग करते हुए, दुर्ग के वैशाली नगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रितेश सेन ने महादेव ऐप ऑपरेटरों से हर महीने बड़ी रकम प्राप्त करने में पुलिस अधिकारियों की कथित संलिप्तता की जांच करने का आह्वान किया।

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