Home Card Games Gamskraft tax issue में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई 15 दिसंबर को?

Gamskraft tax issue में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई 15 दिसंबर को?

Gaming सेक्टर के लिए महत्वपूर्ण सुनवाई

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Supreme Court of India
Supreme Court of India

गेमिंग सेक्टर के सबसे बड़े मुद्दे यानि जीएसटी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 15 दिसंबर को हो सकती है। पहले यह सुनवाई 10 दिसंबर को होने की संभावना थी। गेम्सक्राफ्ट के 21 हज़ार करोड़ रुपये के जीएसटी नोटिस को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार, गेम्सक्राफ्ट मामले में केंद्रीय रेवेन्यू डिपार्टमेंट की अपील पर अब 15 दिसंबर, 2023 को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा अस्थायी रूप से सुनवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट की स्वचालित कंप्यूटर-जनरेटेड प्रणाली के अनुसार 15 दिसंबर, 2023 की नई तारीख निर्धारित की गई है। ख़ास बात ये है कि कंप्यूटर-जनरेटेड सिस्टम ने पहले 20 नवंबर, 2023 को अस्थायी लिस्टिंग की तारीख बतायी गई थी।

ऑनलाइन रम्मी प्लेटफॉर्म गेम्सक्राफ्ट को 21,000 करोड़ रुपये (लगभग 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर) का कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI)ने इस नोटिस को भेजा था। इससे पहले पिछली सुनवाई में, डीजीजीआई ने नोटिस को रद्द करने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ स्टे लिया था। इसके बाद, देश भर में कई गेमिंग कंपनियों और गोवा और सिक्किम में कैसीनो कंपनियों को भी DGGI ने इसी तरह के टैक्स वसूली नोटिस जारी किए गए थे।

नोटिस से परेशान गेमिंग कंपनियों ने विभिन्न उच्च न्यायालयों का दरवाजा खटखटाया है। फिलहाल, जीएसटी नोटिस को चुनौती देने वाली याचिकाएं बॉम्बे, सिक्किम, गुजरात और उत्तर प्रदेश के उच्च न्यायालयों में लंबित हैं।

रिपोर्टों के मुताबिक, टैक्स विभाग उच्च न्यायालय में लंबित सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित कराने की मांग करेगा, ताकि ऑनलाइन स्किल और चांस के बीच पुराने टैक्स मामले का निबटारा ठीक तरह से हो सके।

दरअसल रेवेन्य डिपार्टमेंट के मुताबिक, स्किल और चांस गेम्स बराबर हैं, क्योंकि उनमें दांव लगाने के विकल्प है, इसलिए ऑनलाइन रमी प्लेटफॉर्म की गतिविधियां जीएसटी कानूनों के तहत ‘जुआ और सट्टेबाजी’ के बराबर हैं। गेमिंग कंपनियों का कहना है कि इस तरह की व्याख्या इस क्षेत्र के लिए नुकसानदायक होगी, क्योंकि जो टैक्स नोटिस उसे मिले हैं, वो उसके कुल राजस्व से कहीं अधिक है।

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