केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने सट्टेबाजी और जुए जैसी गैरकानूनी गतिविधियों (Illegal activities like betting and gambling) को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों को रोकने के लिए एक विस्तृत सलाह (A detailed advice on blocking ads) जारी की है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के मुताबिक अवैध गतिविधियों के विज्ञापन और प्रचार पर रोक लगाने पर जोर देती है।
दरअसल 1867 के सार्वजनिक जुआ अधिनियम के तहत प्रतिबंधित सट्टेबाजी और जुआ (Restricted betting and gambling) को देश भर के अधिकांश राज्यों में अवैध माना जाता है। अवैध होने के बावजूद, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म सीधे और गेमिंग की आड़ में सट्टेबाजी और जुए का विज्ञापन चला रहे हैं और युवाओं को सट्टेबाज़ी के लिए लुभा रहे हैं। यह एडवाइजरी सट्टेबाजी और जुआ खिलाने वाले एप्स या वेबसाइट के डायरेक्ट या इनडायरेक्ट विज्ञापनों के खिलाफ मीडिया प्लेटफार्मों के लिए जारी की गई है। ऑनलाइन विज्ञापनों के लिए एजेंट्स के खिलाफ चेतावनी दी गई है।
एडवाइजरी में एक प्रमुख चिंता सट्टेबाजी प्लेटफार्मों को बढ़ावा देने में मशहूर हस्तियों और प्रभावशाली लोगों की हिस्सेदारी भी है, जो इन गैरकानूनी गतिविधियों में लोगों को धकेल रहे हैं। इन एप्स के विज्ञापनों में रितु वर्मा और ईशा गुप्ता जैसी मशहूर हस्तियों अक्सर दिख जाती हैं। इसके अलावा, महादेव बुक ऐप मामले के प्रचार में कई मशहूर हस्तियों पर आरोप लगाया गया है। सीसीपीए इस बात पर जोर देता है कि ऑनलाइन जुए और सट्टेबाजी को बढ़ावा देने या विज्ञापन करने में कोई भी भागीदारी, अधिकांश राज्यों में इसकी अवैध स्थिति को देखते हुए, किसी को भी अवैध गतिविधि में भाग लेने के लिए समान रूप से उत्तरदायी बनाती है।
भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम और भ्रामक विज्ञापनों के समर्थन के लिए दिशानिर्देश, 2022 स्पष्ट रूप से प्रचलित कानूनों के तहत निषिद्ध उत्पादों या सेवाओं के विज्ञापनों पर रोक लगाते हैं। इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि ये दिशानिर्देश केबल टीवी, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म, डिजिटल मीडिया और प्रिंट मीडिया सहित सभी पर लागू होते हैं।