PM Narendra Modi के लाल किले की प्राचीन से अपने भाषण में गेमिंग को लेकर किए गए जिक्र से गेमिंग इंडस्ट्री (Gaming industry) में उत्साह का माहौल है। प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से अपने भाषण (Prime Minister Modi in his speech from Red Fort on 15 August) में कहा कि वह भारत को गेमिंग सेक्टर में एक बड़े बाजार के तौर पर देख रहे हैं, लेकिन उसमें विदेशी कंपनियां का असर ज्यादा है। जहां तक गेम्स को डेवलप (Game devlopment) करने और उससे कमाई करने के मामले में विदेशी कंपनियां ही काम कर रही है उन्होंने कहा कि भारत के युवा गेमिंग खेलने में नहीं, गेम्स बनाने में आगे होने चाहिएं और वो चाहते हैं कि दुनिया में सभी जगह भारत के बने हुए गेम्स पहुंचे। उन्होंने कहा कि गेमिंग सेक्टर में नए टैलेंट को दुनिया के सामने लेकर आ सकता है।
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प्रधानमंत्री के लालकिले से इस बात को कहने के बाद गेमिंग कंपनियों का उत्साह काफी बढ़ गया है। ई-गेमिंग फेडरेशन के अनुराग सक्सेना के मुताबिक भारत की हिस्सेदारी दुनिया में खेले जाने वाले कुल गेमिंग में 40 परसेंट है, लेकिन जहां तक रेवेन्यू का सवाल है तो भारतीय कंपनियों को सिर्फ एक परसेंट रेवेन्यू ही मिल पा रहा है। हमें यहां के टैलेंट और स्किल के फाउंडेशन को बेहतर करना होगा। AVGC पॉलिसी में स्किल एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। देश के प्रमुख एजुकेशन संस्थानों जैसे IIM IIT में gaming skill को करिकुलम में शामिल किया जाना चाहिए। भारत में फिलहाल ट्रिपल गेम्स बहुत ही कम बन रहे हैं। इन गेम्स का बजट काफी ज्यादा होता है, इसी वजह से हाई प्रोफाइल गेम्स को भारत में कम ही बन रहे हैं।
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दुनिया भर में ट्रिपल गेम्स जैसे माइनक्राफ्ट, जीटीए 5, कॉल ऑन ड्यूटी और फ्रंटलाइन आदि गेम्स है। भारत में लगभग 45 करोड़ से ज्यादा गेमर हैं और भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी गेमिंग मार्केट है। दुनियाभर में गेम्स डाउनलोड में 16 परसेंट गेम्स भारत में डाउनलोड हो रहे हैं।
इस बारे में सुपर गेमिंग स्टूडियो के गेम टू विन के सीईओ आलोक केजरीवाल के मुताबिक, भारत में गेमिंग प्रोडक्ट बनाकर विदेश में बेचने का आइडिया तो बहुत अच्छा है, इस तरह के एक्सपोर्ट चल भी रहे हैं, लेकिन रियल मनी गेमिंग की वजह से अन्य गेमिंग के इंटरेस्ट प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि इसके बावजूद भी कुछ स्टूडियो है, जोकि लगातार अच्छी गेम्स बनाने की तरफ काम कर रहे हैं। भारत में कई गेमिंग स्टूडियो है, जो दुनिया की बेहतरीन गेम्स बनाने में लगे हुए हैं। पुणे की सुपर गेमिंग भी इसी तरफ काम कर रही है। जो की एक बड़े बजट के टाइटल को बनाने में लगी हुई है, कंपनी ने हाल ही में बैटल रॉयल गेम्स का बीटा वर्जन गूगल प्ले स्टोर पर पब्लिश किया है। जिस पर एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने रजिस्टर भी किया है। इसी तरह एमपीएल की माई हम स्टूडियो भी दुनिया जहां की बेस्ट गेम्स बनाने की तरफ काम कर रहा है। उससे भी बैटल रॉयल गेम्स के अंडरवर्ल्ड गैंग वॉर नाम का एक टाइटल लॉन्च करने की तैयारी की हुई है। साथ ही साथ लाइट फ्यूरी गेम्स भी एक नया गेम लेकर आने वाला है। जिसको हाल ही में करीब 80 लाख डॉलर से ज्यादा की फंडिंग मिली है और यह भी ट्रिपल ए गेम्स बनाने की दिशा में काम कर रही है। स्काई स्पोर्ट्स के शिवा नंदी के मुताबिक भारत की मार्केट ज्यादातर विदेशी कंपनियां के हाथों में है। उनकी ट्रिपल गेम्स यहां पर ज्यादातर खेली जा रही हैं, ऐसे में भारत सरकार को लोकल गेम्स को पुश करना चाहिए।