GST on gaming: ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर टैक्स बढ़ने की आशंकाओं के लेकर घबराया हुआ है। असल में जीएसटी परिषद की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग को अपने प्रमुख एजेंडे में शामिल करने का ऐलान किया गया था। केन्द्र सरकार गेमिंग सेक्टर पर लगाए गए माल और सेवा कर (Goods and Service Tax (GST) को 18 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी करने के पक्ष में हैं। जबकि उद्योग चाहता है कि टैक्स दरों में बदलाव ना हो। माना जा रहा है कि इस बार टैक्स को लेकर कोई फैसला नहीं होगा। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में ऑनलाइन गेमिंग को लेकर एक मामला चल रहा है। ऐसे में सरकार टैक्स को लेकर कोई फैसला नहीं करना चाहती है। गौरतलब है कि जीएसटी परिषद की बैठक 11 जुलाई को होनी है।
वर्तमान में, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां प्लेटफॉर्म फीस (सकल गेमिंग राजस्व) पर 18 फीसदी की दर से टैक्स दे रही हैं। जबकि सरकार इसे 28 फीसदी करने के पक्ष में हैं। उद्योग जगत का मानना है कि 28 फीसदी जीएसटी तक संभावित वृद्धि के बाद उद्योग पर भारी प्रभाव पड़ेगा और इसके कारण आने वाली किसी भी पूंजी पर पूर्ण विराम लग जाएगा। उद्योग जगत का मानना है कि अगर 28 फीसदी की दर से शुल्क लगाया जाता है तो ऑनलाइन गेमिंग स्टार्टअप और नए उद्यमों की लागत में इजाफा होगा और इसके कारण कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां अपना कारोबार स्थापित नहीं कर सकेंगी।
28 फीसदी टैक्स की सिफारिश
जीएसटी परिषद ने गेमिंग उद्योग में टैक्स के मुद्दे के लिए मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के नेतृत्व में राज्य मंत्रियों की एक समिति नियुक्त की है। समिति ने ऑनलाइन गेम में जीत सहित कुल मूल्य पर 28 फीसदी की दर से टैक्स लगाने की सिफारिश की है। हालांकि, समिति के भीतर इस बात को लेकर अभी तक आम सहमति नहीं बन सकी है।
2025 तक 25 हजार करोड़ का होगा बाजार
डेलॉयट-एफआईएफएस की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय फैंटेसी स्पोर्ट्स उद्योग 33 फीसदी की सालाना दर से बढ़ रहा है और 2027 तक 50 करोड़ लोग ऑनलाइन गेम से जुड़ेंगे। दावा किया गया है कि वित्त वर्ष 2022 में इंडस्ट्री 31 पर्सेंट बढ़कर 6,800 करोड़ रुपये हो गई और वित्त वर्ष 2027 तक इसके 25,240 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।दावा किया जा रहा है कि अगर टैक्स को बढ़ाया गया तो उद्योग जगत के आंकड़ों मे बदलाव देखने को मिल सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय डिजिटल गेमिंग उद्योग वैश्विक मनोरंजन और गेमिंग बाजार का नेतृत्व कर सकता है। कम से कम पांच प्रमुख भारतीय गेमिंग कंपनियां आईपीओ के लिए प्रयास कर रही हैं।
एफडीआई में असर का दावा
सुपर4 के संस्थापक रोहित बंसल ने एक मीडिया हाउस से बात करते हुए कहा कि जीएसटी परिषद से हमारी उम्मीदें टैक्स को लेकर हैं। क्योंकि ये बड़ा फैसला है और इसके कारण ही ऑनलाइन गेमिंग उद्योग की दिशा तय हो सकेगी। हमारा मानना है कि उद्योग की दीर्घकालिक सफलता के लिए टैक्स को लेकर संतुलित दृष्टिकोण आवश्यक है। वहीं उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, गेमिंग क्षेत्र की वृद्धि उच्च कर दरों से बाधित होगी और इस क्षेत्र में मिलने वाले रोजगार की संख्या कम होगी। इसका सीधा असर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में देखने को मिलेगा।