गोवा और सिक्किम में कैसिनो चलाने वाली कंपनी डेल्टा कार्प और उसकी सहयोगी कंपनियों को 18 से 20 हज़ार करोड़ रुपये के टैक्स चोरी का नोटिस मिल सकता है। डीडीजीआई (DGGI) ने डेल्टा कार्प पर अपनी जांच पूरी कर ली है। नोटिस 30 सिंतबंर से पहले भेजा जा सकता है।
देश की सबसे बड़ी कैसिनो और हॉस्पिटेलिटी लिस्टिड कंपनी डेल्टा कार्प और उसकी सहयोगी कंपनियों को जीएसटी चोरी का कारण बताओ नोटिस आ सकता है। डेल्टा कार्प के बिजनेस और उसके जीएसटी को देखते हुए यह नोटिस 10 हज़ार करोड़ रुपये तक जा सकती है, जबकि डेल्टिन समूह की बाकी कंपनियों अड्डा52 और अन्य को भी 8 से 10 हज़ार करोड़ रुपये के जीएसटी चोरी का नोटिस आ सकता है।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, डायरेक्टर जनरल गुड्स एंड सर्विस इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) ने 40 गेमिंग कंपनियों पर टैक्स चोरी की जांच की थी। जिसमें डेल्टा कार्प और उसकी सहयोगी कंपनियां शामिल हैं। आरोप है कि वित्त वर्ष 2017-18 के की आय और जीएसटी जमा कराने में इन कंपनियों ने टैक्स की चोरी की थी। जीएसटी विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगाने के बाद हम उन कंपनियों को टैक्स चोरी का नोटिस भेजने जा रहे हैं, जिनकी जांच पूरी हो चुकी है। अब 30 सितंबर से पहले इन कंपनियों को नोटिस भेजा जा सकता है।
यह भी पढ़ें..
Gameskraft को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक
जीएसटी विभाग ने गेम्सक्राफ्ट टेक्नॉलाजी प्राइवेट लिमिटेड को 21 हज़ार करोड़ रुपये के टैक्स चोरी का नोटिस भेजा था, भारत के टैक्स नोटिस के इतिहास में यह सबसे बड़ा टैक्स चोरी का नोटिस था। जिसपर कंपनी ने कर्नाटक हाईकोर्ट में इस नोटिस के खिलाफ अपील की थी और बाद में कोर्ट ने नोटिस को खारिज कर दिया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में 6 सितंबर को इस मामले पर सुनवाई के दौरान इस फैसले पर रोक लगा दी गई है। इसके बाद ही जिन कंपनियों के खिलाफ इस तरह की टैक्स जांच की गई थी, उनको नोटिस भेजने की तैयारियां पूरी कर ली गई है। जल्द ही इन कंपनियों को टैक्स चोरी के नोटिस भेजे जाएंगे। उक्त अधिकारी के मुताबिक, चुंकि कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लग गई है, लिहाजा टैक्स चोरी के नोटिस अब गेम्सक्राफ्ट टेक्नॉलॉजी के पैटर्न पर भी भेजे जाएंगे।