नागपुर में डायमंड एक्सचेंज का सरगना और कुख्यात सट्टेबाज अनंत नवरतन जैन उर्फ सोंटू गोंदिया ने पुलिस के सामने कई बड़े राज खोले हैं। असल में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। बताया जा रहा है कि पुलिस की पूछताछ में उसने सट्टेबाजों के नामों का खुलासा किया है। इसमें कई बड़े लोगों के भी नाम शामिल हैं।
आत्मसमर्पण के बाद सोंटू को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया जहां उससे पूछताछ की जा रही है। इस दौरान सोंटू ने अन्य सट्टेबाजों के नामों का खुलासा किया है जो डायमंड एक्सचेंज के लिए भी काम कर रहे हैं। हालांकि, पुलिस ने अभी तक उन नामों का खुलासा करने से परहेज किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह भी पता चला है कि सोंटू को कमीशन के रूप में 40 फीसदी राशि मिलती थी।
लोकल कारोबारी को लगाया था 58 करोड़ का चूना
इस बीच पूरी जांच तब शुरू हुई जब एक स्थानीय व्यापारी विक्रांत अग्रवाल को सोंटू ने 58 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया. उसकी बहनों पर भी उसे फरार होने में मदद करने का आरोप है। हालांकि कोर्ट में अभियोजकों द्वारा इसके खिलाफ बहस करने के बावजूद उन्हें अग्रिम जमानत दे दी गई है।
फरार है जैन का पार्टनर राजदेव
असल में पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक वुल्फ777 के साथ डायमंड एक्सचेंज से जुड़े राकेश राजदेव उर्फ राकेश राजकोट एक ऐप संचालित करता है। पुलिस को सोंटू और राजदेव के बीच संबंध मिले हैं, हालांकि, राजदेव तब से फरार है जब से पुलिस ने उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। यह पहली बार नहीं है जब लोगों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सट्टेबाजी के लिए भारी रिटर्न का वादा करके धोखा दिया गया है। लोटस365, दफाबेट और अन्य जैसे कई अन्य अवैध सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म अभी भी पूरे भारत में काम कर रहे हैं।
सरकार बंद कर रही है अवैध सट्टेबाजी फर्म
सरकार ऐसे अवैध सट्टेबाजी प्लेटफार्मों को ब्लॉक करने के लिए उपाय कर रही है, लेकिन वे एक नया डोमेन नाम बनाकर और अपने सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से इसका प्रचार फिर से करने लगते हैं। हालांकि सरकार चाहे तो एक व्यापक डेटाबेस बना सकती है जहां लोग जा सकते हैं और जांच सकते हैं कि कौन से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अवैध हैं और इससे बचा जाना चाहिए।