जीएसटी परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग को लेकर जीएसटी में बदलाव किया है। काउंसिल ने अब इस पर 28 फीसदी का टैक्स लागू करने का फैसला किया है। वहीं काउंसिल के इस फैसले के बाद उद्योग जगत का कहना है कि गेमिंग स्टार्टअप का सफाया हो जाएगा और उद्योग में टैक्स को लेकर विरोध है और उद्योग का मानना है कि ये एक ‘गंभीर’ झटका कहा है। उद्योग जगत का कहना है कि इस सेक्टर में 4 अरब डॉलर का एफडीआई लाना था।
असल में आज काउंसिल की बैठक में पश्चिम बंगाल की वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने मंगलवार को कहा कि जीएसटी परिषद ऑनलाइन गेमिंग, हॉर्स रेसिंग और कैसिनो के पूरे मूल्य पर 28 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने पर सहमत हो गई है।
वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद कहा, “ऑनलाइन गेमिंग को शामिल करने के लिए जीएसटी कानून में संशोधन लाया जाएगा और पूर्ण अंकित मूल्य पर 28 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। पश्चिम बंगाल जीएसटी परिषद के प्रतिनिधि भट्टाचार्य ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने की प्रभावी तारीख जीएसटी कानून में संशोधन के बाद लागू होगी। वर्तमान में, कैसीनो, हॉर्स रेसिंग और ऑनलाइन गेमिंग की सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है। जो इस फैसले के लागू होने के बाद 28 फीसदी हो जाएगी।
महाराष्ट्र के वन सांस्कृतिक और मत्स्य पालन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग के मामले में मुनगंटीवार ने कहा कि सट्टेबाजी के पूरे अंकित मूल्य पर 28 प्रतिशत कर लगाया जाएगा।
उद्योग जगत को नुकसान पहुंचाएगा फैसला
वहीं फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स के महानिदेशक जॉय भट्टाचार्य ने कहा कि परिषद का निर्णय ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और भयानक है। उन्होंने कहा कि 28 प्रतिशत जीएसटी अधिक है और ऑनलाइन गेमिंग उद्योग और उपभोक्ताओं के लिए एक घातक झटका है। भट्टाचार्य ने कहा, ‘इस उद्योग में करीब चार अरब डॉलर का एफडीआई आना था। लेकिन इस फैसले के बाद इसमें देरी होगी। ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ) के सीईओ रोलैंड लैंडर्स ने कहा कि 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का निर्णय बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और उच्च कराधान से उद्योग में किसी को फायदा नहीं होगा। एआईजीएफ सीईओ ने बताया कि इस टैक्स के कारण ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में स्टार्टअप उद्योग पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।
अवैध प्लेटफार्म को होगा फायदा
ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन के सीईओ रोलैंड लैंडर्स ने कहा कि जीएसटी काउंसिल के इस कदम से इस क्षेत्र में चल रहे अवैध प्लेटफॉर्मों को सबसे अधिक फायदा होने की संभावना है। ये वे कंपनियाँ हैं जो भारत सरकार को टैक्स देने या नए आईटी नियमों का पालन करने के लिए बाध्य नहीं हैं और यह केवल भारतीय उपभोक्ताओं के लिए हानिकारक होगा।