GST on gaming deposits: गेमिंग सेक्टर की लगातार मांग के बाद जीएसटी काउंसिल इस सेक्टर पर 28 प्रतिशत जीएसटी फुल फेस वैल्यू की बजाए डिपॉजिट पर लगा सकती है। 2 अगस्त को काउंसिल की वर्चुअल बैठक में इस बाबत फैसला लिया जा सकता है। इसी तरह कैसिनो पर भी चिप खरीदने पर 28 प्रतिशत टैक्स का प्रस्ताव पास हो सकता है। इससे गेमिंग और कैसिनो को थोड़ी राहत तो मिलेगी, हालांकि सेक्टर के लोगों का कहना है कि इससे कंपनियों के रेवेन्यू में भारी गिरावट होगी और छोटी कंपनियां बंद हो सकती हैं।

फिलहाल देश में गेमिंग सेक्टर करीब 20 हज़ार करोड़ रुपये का है, जिससे केंद्र सरकार को सालाना 2000 करोड़ रुपये से ज्य़ादा का टैक्स मिलता है। साथ ही लाखों लोगों को इस सेक्टर से रोज़गार भी मिल रहा है। इसी तरह गोवा और सिक्किम में कैसिनो कारोबार राज्यों के टैक्स में एक बड़ी भूमिका तो निभाता ही है, साथ ही साथ टूरिस्ट को भी आकर्षित करता है।
सूत्रों के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल के लिए प्रस्ताव तैयार हो चुका है और उसमें डिपॉजिट और चिप खरीदने पर 28 प्रतिशत जीएसटी है। हालांकि इंडस्ट्री सूत्रों के मुताबिक सरकार को मज़बूरी में ये फैसला लेना पड़ रहा है, क्योंकि फुल फेस वैल्यू पर टैक्स लगाने का मतलब होगा, हर बैट पर टैक्स, जोकि मल्टीपल टैक्स हो जाता है। जिसको कोर्ट में चेलैंज किया जा सकता था। लिहाजा इस फैसले को तार्किक किया गया है।
इस मामले पर देश की सबसे बड़ी गेमिंग फेडरेशन ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन ने कहा है कि “ऑनलाइन गेमिंग के लिए सबसे पुराने, सबसे बड़े और सभी गेमिंग फॉरमेट एसोसिएशन के रूप में हमने हमेशा गेम स्किल गेम्स की वकालत की है। हमारा मानना है कि डिपॉजिट पर जीएसटी केवल बहुत बड़े खिलाड़ियों को तो मदद मिलेगी, लेकिन अधिकांश एमएसएमई गेमिंग स्टार्टअप बंद हो जाएंगे। बड़े गेमिंग टूर्नामेंट कराने वाली कंपनियां भी इनको बंद कर सकती हैं, हालाँकि इससे उनके राजस्व पर काफी असर पड़ेगा और लगातार गेम या कैज़ुअल गेम खिलाने वाले प्लेटफ़ॉर्म ख़त्म हो जाएँगे। एआईजीएफ में हमारा ध्यान भारतीय ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के विकास को बढ़ावा देना है। इसलिए, हमें उम्मीद है कि जीएसटी काउंसिल स्किल गेमिंग के सभी फॉरमेट के लिए वैल्यूवेशन में नेट डिपॉजिट पर टैक्स लगाएगी। इसके सरकारी खजाने का राजस्व तो बढ़ेगा ही, साथ ही सभी कंपनियों, विशेष रूप से एमएसएमई को भी मदद मिलेगी।''