Gameskraft GST evasion issue: गेमिंग कंपनी गेमस्क्राफ्ट पर 22000 करोड रुपए के जीएसटी चोरी के आरोपों पर कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला 11 मई को आ सकता है। यह फैसला पूरी गेमिंग इंडस्ट्री के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे यह तय हो जाएगा की रियल मनी गेमिंग (Real money gaming) के ऊपर टैक्स किस तरह से लगेगा। क्या 28 परसेंट एंट्री फीस पर लगेगा या फिर पूरे डिपाजिट अमाउंट पर लगेगा। इस समय गेमिंग इंडस्ट्री को लेकर दुनिया भर में बड़े निवेशक भारत की ओर देख रहे हैं, ऐसे में गेमिंग इंडस्ट्री का भविष्य तय करने में यह फैसला एक अहम भूमिका निभा सकता है।
लंबे समय से गेमिंग इंडस्ट्री अपनी इंट्री फीस के ऊपर जीएसटी देती आ रही है, लेकिन गेमस्क्राफ्ट और दूसरी कई कंपनियों के खिलाफ आयकर विभाग की जांच ने टैक्स चोरी का एक बड़ा मामला पाया था। जिसके खिलाफ गेमस्क्राफ्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट में अपील की थी। इस अपील के ऊपर कल फैसला आने वाला है।
भारत में गेमिंग इंडस्ट्री 2 बिलियन डॉलर की हो गई है और करीब 5 करोड़ लोग एक्टिव गेमर हैं। लाखों लोगों को गेमिंग सेक्टर रोजगार भी दे रहा है, पिछले कुछ समय से केंद्र सरकार ने भी गेमिंग सेक्टर को लेकर नियम बनाए हैं। जिनमें सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी (SRB) बनाए जाने का भी प्रावधान है। साथ ही साथ गेमिंग कंपनियों की टैक्स परेशानियों को दूर करने के लिए वित्त मंत्रालय भी काम कर रहा है। जल्दी जीएसटी काउंसिल में भी गेमिंग सेक्टर (GST council on gaming industry) के टैक्स स्ट्रक्चर को मंजूरी मिल सकती है।