श्रीलंका में ऑनलाइन जुआ अवैध होने के बावजूद लंका प्रीमियर लीग के चौथे सीजन के लिए कई अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को कुछ प्रमुख प्रायोजकों के रूप में दिखाया गया है। हालांकि भारत में भी इस तरह की वेबसाइट बैन हैं। उसके बावजूद ये सभी धडल्ले से काम कर रही हैं और सरकार को नुकसान पहुंचा रही हैं।
टी20 फ्रेंचाइजी-आधारित लीग का शीर्षक प्रायोजक स्काईफेयर न्यूज है, जो ऑफशोर अवैध सट्टेबाजी वेबसाइट स्काईफेयर के लिए एक सरोगेट है, जो अपने संदिग्ध व्यवसाय के लिए खेल पर समाचार, व्यावहारिक विश्लेषण और विशेषज्ञ राय प्रदान करने का दावा करता है। आईपीजी ग्रुप के संस्थापक और सीईओ, अनिल मोहन शंखधर ने प्रायोजक के रूप में सट्टेबाजी वेबसाइट के लिए सरोगेट मिलने पर खुश जताई है।
दरअसल ये कंपनियां कई प्रस्तावों के माध्यम से लोगों को लुभाने के लिए सरोगेट वेबसाइटों का उपयोग करती हैं और देश में व्यवसायों के साथ पंजीकृत नहीं हैं। यही नहीं ये कंपनियां सरकार को टैक्स नहीं देती हैं। अवैध सट्टेबाजी प्रायोजकों में 1xbat, 1xbet के लिए सरोगेट, खेलोयार, सैट्सपोर्ट, वुल्फ777 और टाइगर एक्सचेंज शामिल हैं। इनमें से कई अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को प्रचार के लिए टीम जर्सी में दिखाया गया है।
जानकारी के मुताबिक लगभग दो सप्ताह पहले पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच एक टेस्ट मैच में फेयरप्ले, 1xbet, स्केच आदि के लिए कई अवैध सट्टेबाजी के विज्ञापन दिखाए गए थे, जिससे लोगों को आश्चर्य होता है कि क्या सरकार वास्तव में उन्हें रोकने के लिए कुछ कर रही है। लाइसेंस प्राप्त कैसीनो को छोड़कर भारत की तरह ही श्रीलंका में भी सट्टेबाजी पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद, इन अवैध वेबसाइटों के विज्ञापन दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं।
मीडिया में किया जा रहा है प्रचार
भारत सरकार ने मीडिया घरानों और खेल लीगों को इन सरोगेट वेबसाइटों से प्रायोजन न लेने की चेतावनी और सलाह जारी की है, जबकि श्रीलंकाई सरकार इस पर आंखें मूंद रही है।