देश के विभिन्न कोर्ट में चल रहे रियल मनी गेमिंग के जीएसटी संबंधी मामले सुप्रीम कोर्ट में एक साथ टैग हो सकते हैं। केंद्र सरकार इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में आग्रह करने पर विचार कर रही है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार जल्द ही सुप्रीम कोर्ट से जीएसटी से संबंधित सभी ऑनलाइन गेमिंग मामलों को एक ही सिद्धांत के तहत टैग करने के लिए आग्रह कर सकती है।
वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, ”ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी के केस सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। इस पर अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगा और एक ही कानून की कई व्याख्याएं नहीं हो सकतीं है, इसलिए सभी मामलों को एक साथ टैग करने का अनुरोध किया जाएगा।”
उक्त अधिकारी के मुताबिक, यह एक व्यावहारिक सुझाव है क्योंकि इससे केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के साथ-साथ अन्य सभी पक्षों के समय और संसाधनों की बचत होगी।
ऑनलाइन गेमिंग, हार्स रेसिंग और कैसिनो पर जीएसटी दर को 28% तक बढ़ाए जाने के बाद ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर करीब एक लाख करोड़ रुपये के टैक्स नोटिस जीएसटी विभाग ने भेजे हैं।
गेम्सक्राफ्ट को देश का सबसे बड़ा 21 हज़ार करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस 2022 में जारी किया गया था, इस साल मई में कर्नाटक हाई कोर्ट ने जीएसटी नोटिस को रद्द कर दिया था, हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में कर्नाटक HC के फैसले पर रोक लगा दी।
उसके बाद, DGGI ने कई अन्य ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग कंपनियों को GST नोटिस भेजना करना शुरू कर दिया, जिसमें अलग-अलग रकम की मांग की गई। कुछ प्रमुख गेमिंग कंपनियों ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में टैक्स मांगों के खिलाफ रिट याचिकाएं दायर की हैं। इनमें गेम्स 24×7, हेड डिजिटल वर्क्स, ड्रीम स्पोर्ट्स, डेल्टा कॉर्प और अन्य शामिल हैं।