Saturday, February 22, 2025
HomeFantasy GamesOnline Gambling ban: विदेशी गैंबलिंग कंपनियों के आगे सरकार बेबस, कुछ घंटे...

Online Gambling ban: विदेशी गैंबलिंग कंपनियों के आगे सरकार बेबस, कुछ घंटे ही बंद हो पाई विदेशी गैंबलिंग साइट्स

Online Gambling ban: देश में बड़े स्तर पर जारी अवैध ऑनलाइन गैंबलिंग को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय का सख्त रूख भी जुआ खिलाने वाली ऑनलाइन गैंबलिंग साइट्स को रोक नहीं पा रहा है। कल रात (18 अक्टूबर) को गैंबलिंग साइट्स कुछ समय के लिए ब्लॉक हुई थी। लेकिन थोड़ी देर बाद ही सभी दोबारा चालू हो गई। दुबई, मालटा, साइप्रस और रूस से चलने वाली ये जुए की साइट्स देश में सालाना 80 हज़ार करोड़ रुपये का कारोबार कर रही थी। gamingindia.in लगातार इन साइट्स पर खिलाए जा रहे जुए को लेकर ख़बरें लिखती रही है।

पिछले कुछ महीनों से 1XBET, Fair play, Dafabet आदि कंपनियां भारत में तेज़ी से जड़े जमा रही थी, साथ ही अब तो ये कंपनियां टीवी, अखबार और होर्डिंग पर भी विज्ञापन देने लगी थी। इससे बड़ी संख्या में युवाओं को जुए की लत लग रही थी। इसको देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में एक बैठक बुलाई थी और इसमें इन साइट्स को लेकर सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए थे। बताया जा रहा है कि कल रात को आईटी मिनिस्ट्री ने इन साइट्स को ब्लॉक किया था, लेकिन कुछ देर बाद ही ये साइट्स दोबारा चालू हो गई।

दुबई-माल्टा से चलता है जुए का कारोबार

इस इंडस्ट्री को जानने वाले बताते हैं कि देश में जुआ खिलाने वाले ज्य़ादा सरगना टैक्स हैवन देशों या फिर दुबई में बैठे हुए हैं।ऑनलाइन प्लेटफार्म जैसे बेटवे, वनएक्स बैट, बेट365, रॉयल पांडा, बेटफेयर और डाफाबेट  विदेशों से सीधे यहां लोगों को क्रिकेट पर ऑनलाइन जुआ खिला रहे हैं, वहीं दुबई में बैठे आका, फिजिकल जुआ खिला रहे हैं, जोकि पहले मटका या दूसरे धंधे चलाया करते थे। दुबई से इस धंधे को चलाने वालों का कंट्रोल दाऊद गैंग के हाथ में हैं। जबकि अधिकांश रजिस्टर्ड कंपनियां माल्टा या फिर टैक्स हैवन देश से चलती है। कई जगहों पर तो दोनों तरह के जुआ खिलाने वाले मिलकर काम करने लगे हैं। क्रिकेट पर जुआ खिलाने वाली ऑनलाइन कंपनियां, फिजिकल जुआ खिलाने वालों से सांठगांठ कर अब भारत से सीधे हवाला के जरिए कारोबार भी कर रही हैं। माल्टा और अन्य टैक्स हैवन देशों से ये अवैध जुआ खिलाने वाली कंपनियां ज्यादातर यहुदी चलाते हैं।

ऑनलाइन गेमिंग की एपेक्स बॉडी ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन के सीईओ रोलैंड लेवैंडर्स के मुताबिक, आईपीएल के दौरान गैर कानूनी तरीके से जुआ खिलाने वाले प्लेटफार्म और अन्य लोग करीब करीब 80 हज़ार करोड़ रुपये का कारोबार करते है, जोकि पूरी तरह से गैर कानूनी है, ये ना तो यहां कंपनियों की तरह रजिस्टर्ड हैं, ना ही कोई टैक्स देते हैं और इनका कोई रेगुलेशन भी नहीं है। इनकी वजह से हम कानूनी तौर पर काम करने वाली स्किल गेमिंग कंपनियां बदनाम होती हैं। बड़ी बात ये है कि इस साल तो आईपीएल में गैर कानूनी ऑनलाइन कंपनियों ने अपने विज्ञापन भी अख़बारों में दिए थे। टीवी पर एड भी चलाए थे। जिसपर हमारे सवाल उठाने के बाद एक्शन लिया गया।

IPL के बाद मटका नंबर का धंधा पड़ा मंदा

देश में अवैध जुआ छोटे छोटे ग्रुप्स में लंबे समय से चल रहा है, बीच बीच में पुलिस इसपर कार्रवाई भी करती है, लेकिन मटका नंबर अवैध जुए में नंबर एक पर चला करता था, लेकिन आईपीएल के बाद अब ये धंधा लगभग बंद हो गया है, बल्कि मटका नंबर वाले जुआ खिलाने वाले ज्य़ादा लोग अब आईपीएल का सट्टा खिलाने लगे हैं। पहले मटका नंबर मुंबई से चला करता था और कई जगहों पर भी इसके ठिकाने थे। लेकिन अब सारा जुआ क्रिकेट पर ही सिमट गया है। अब सट्टेबाज़ सिर्फ आईपीएल ही नहीं बल्कि अन्य लीग पर सट्टा लगवाने लगे हैं। 

पनवाड़ी है जुए की महत्वपूर्ण कड़ी

दिल्ली में बुकी का काम करने वाले आशीष (बदला हुआ नाम) ने बताया कि क्रिकेट पर फिजिकल जुआ खिलाने वालों की सेटिंग बहुत ही तगड़ी होती है। आईपीएल के दौरान जुआ खेलने वाले ज्य़ादातर लोग नाई की दुकानों पर फोन लेकर पहुंचे हैं, वहां मैच के दौरान ही बुकी (जो जुआ के दांव को दर्ज करता है), उसको फोन कर मैच या फिर ओवर पर दांव लगाते हैं। मैच के बाद बुकी हारने पर पैसा जमा कराने और जीतने पर पैसा उठाने को कंर्फम करता है।

दिल्ली में आईपीएल जुआ बाज़ार में काम करने वाले एक अन्य मो.सादिक (बदला हुआ नाम) ने बताया कि बुकी डायरेक्ट पैसे नहीं तो लेता है और ना ही देता है। पैसे लेने देने का काम पान की दुकान चलाने वाला पनवाड़ी करता है। हर इलाके में एक या दो पनवाड़ी पैसे लेने-देने के लिए सेट होते हैं। जिसने पैसा जीता है,  उसको अपनी पेमेंट अगले दिन 10 बजे के बाद उठानी होती है, इसी तरह हारने वाले को भी उसी पनवाडी के पास पैसा जमा कराना होता है। हालांकि कई बार नाई भी इस काम को करते हैं। ख़ास बात ये है कि बुकी हमेशा किराए के मकान में ही रहता है और पुलिस और अन्य दबंगों के साथ टाईअप करने का काम बुकी का ही होता है। इस अवैध कारोबार को जानने वाले बताते हैं कि हर शहर या कस्बे में काम करने का तरीका भी अलग अलग हो सकता है। जैसे दिल्ली में उत्तर-पूर्व के इलाके जैसे पंजाब बाग, द्वारका, केशवपुरम और रोहिणी में सबसे ज्य़ादा फिजिकल सट्टा लगता है, लेकिन साउथ दिल्ली में ऑनलाइन बेटिंग साइट के जरिए सट्टा खेला जाता है।

गुजरात, मध्यप्रदेश और राजस्थान सट्टे में सबसे आगे

देश में सट्टेबाजी के दो सबसे बड़े अड्डे हैं, गुजरात में सूरत और मध्यप्रदेश में इंदौर। इन दोनों शहरों में हर गली मोहल्ले में सट्टा बहुत ही आम है। पिछले कुछ सालों में गुजरात में तो क्रिकेट पर इसी सट्टे की वजह से काफी लोगों ने खुदखुशी तक कर ली थी। जबकि इंदौर में भी लोगों के घर तक इस क्रिकेट पर सट्टे के चक्कर में बिक गए थे। अब तो हालत ये हो गई है कि छोटे छोटे दुकानदार भी जल्द ही अमीर बनने के चक्कर में गैरकानूनी क्रिकेट सट्टे में अपनी कमाई गंवा रहे हैं।

About Author

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments