Friday, September 20, 2024
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गेमिंग में 28 फीसदी जीएसटी को लेकर ट्रेडर्स एसोसिएशन ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी, अवैध कंपनियों को मिलेगा फायदा

ऑनलाइन गेम्स में लगाए गए टैक्स को लेकर अब उद्योग जगत भी जीएसटी परिषद के फैसले के खिलाफ एकजुट होने लगा है। गेमिंग उद्योग के बाद अब कॉनफिडरेशन ऑफ इंडियन ट्रेडर्स एसोसिएशन (CAIT) ने इस मामले में अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चिट्टी लिखकर अपना विरोध जताया है। एसोसिएशन के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि इससे देश में बेरोजगारी बढ़ेगी और जो निवेश आ रहा था वह कम होगा। लिहाजा इसके लिए केन्द्र सरकार को फिर से विचार करना चाहिए।

प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि जीएसटी लागू करने के बाद इस उद्योग में बेरोजगारी बढ़ेगी। क्योंकि अभी इस सेक्टर में कई नई कंपनियां आ रही हैं और वह रोजगार के अवसर दे रही हैं। लेकिन 28 फीसदी जीएसटी के फैसले के बाद कई कंपनियों के बंद होने की आशंका है और इसके कारण बेरोजगारी बढ़ेगी। इसके साथ ही अवैध ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म की संख्या बढ़ेगी। इसके अलावा देश में जो निवेश गेमिंग सेक्टर में आ रहा था। वह भी बंद हो जाएगा।

दरअसल जीएसटी परिषद ने 11 जुलाई, 2023 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बैठक में मंत्रियों के समूह की सिफारिशों के बाद ऑनलाइन गेमिंग, हॉर्स रेसिंग और कैसिनो पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया था। जीएसटी परिषद ने पूरे मूल्य पर जीएसटी लगाने का फैसला किया था। यह नियम जीएसटी कानून में संशोधन के बाद लागू होगा। लेकिन जीएसटी काउंसिल के इस फैसले से गेमिंग कंपनी ड्रीम11 और एमपीएल जैसी कंपनियों और उनके ग्राहकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

इस फैसले के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों से बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया है और इससे उद्योग को कोई नुकसान नहीं होगा। जबकि यह 1.5 डॉलर की गेमिंग इंडस्ट्री सरकार के इस फैसले को गलत बता रही है। उनका मानना है कि 28 फीसदी का बोझ ग्राहकों पर पड़ेगा। लेकिन कंपनियों को इसका खामियाजा गेमिंग वॉल्यूम में गिरावट के रूप में भुगतना पड़ेगा। 28 फीसदी जीएसटी की वजह से ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में नौकरी का नुकसान देखने को मिल सकता है। साथ ही भारतीय कंपनियों के लिए विदेशी कंपनियों से मुकाबला करना भी मुश्किल होगा। टैक्स ज्यादा होने की वजह से लोग ऑनलाइन गेम खेलने से परहेज करेंगे।

गौरतलब है कि भारत में ड्रीम11 अब तक की सबसे बड़ी गेमिंग फर्म है, जिसका मूल्यांकन लगभग 8 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है। अभी तक इन कंपनियों को सिर्फ रियल मनी गेम्स पर ही टैक्स देना होता था जो वे ग्राहकों को ऑफर कर रही थीं। लेकिन नए नियम के मुताबिक गेम खेलने वाले व्यक्ति द्वारा किए गए भुगतान की पूरी राशि पर 28% जीएसटी देना होगा।

फैंटसी गेमिंग प्लेटफॉर्म की रेवेन्यू में आया उछाल

सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला तब किया है जब फैंटेसी गेमिंग प्लेटफॉर्म के रेवेन्यू में तेज उछाल देखने को मिल रहा है। खासकर इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान गेमिंग कंपनियों के रेवेन्यू में भारी इजाफा देखने को मिला है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गेमिंग इंडस्ट्री का रेवेन्यू एक साल पहले के मुकाबले 24 फीसदी की बढ़त के साथ 2817 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। वर्तमान में ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर 10 अरब डॉलर का है, जो 2025 तक बढ़कर 25 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। लेकिन टैक्स की वजह से ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को पहले ही झटका लग चुका है।

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