Friday, September 20, 2024
HomeEsportsमहादेव बुक कांड: एएसआई वर्मा समेत चार गिरफ्तार, 15 सितंबर तक 10...

महादेव बुक कांड: एएसआई वर्मा समेत चार गिरफ्तार, 15 सितंबर तक 10 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

महादेव बुक अवैध सट्टेबाजी मामले में आरोपी चार लोगों की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सात दिन की दूसरी हिरासत मंगलवार, 5 सितंबर को समाप्त हो गई। चारों आरोपियों को विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 15 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। फिलहाल राज्य में इस मामले को लेकर राजनीति चरम पर है। क्योंकि जांच में एक बात सामने आयी है कि आरोपियों की पकड़ सीएम कार्यालय तक थी।

कहा जा रहा है कि ईडी ने हिरासत अवधि में चार व्यक्तियों से उपयोगी जानकारी मिली है। इसके आधार पर एजेंसी ने रविवार रात जुबेस्टा अस्पताल के निदेशक डॉ. दल्ला से कई घंटों तक पूछताछ की। इसके अलावा, ईडी ने सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू की है, जिसकी जानकारी झारखंड, तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों को भी दी गई है।

दुबई में हैं चंद्राकर और उप्पल

इससे पहले, ईडी ने चंद्राकर और उप्पल दोनों के स्थानीय पतों पर समन नोटिस भेजे थे, जिन्हें नहीं माना गया क्योंकि वे दुबई में छिपे हुए हैं और वहां से महादेव बुक ऐप का संचालन कर रहे हैं। राज्य पुलिस ने खुलासा किया है कि कई व्यक्तियों को दुबई भेजा जाता है और प्रशिक्षित किया जाता है, जिसके बाद वे नेटवर्क को बढ़ाने के लिए भारत लौटते हैं। हालांकि, कई गिरफ्तारियों के बावजूद, अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं दिखता है।

नवीन बत्रा कर रहा था मदद

नवीन बत्रा नाम के एक प्रमुख संदिग्ध को पकड़ने के बाद ये बात सामने आयी है कि कई अंदरूनी लोग अवैध गतिविधि में मदद कर रहे थे। उन्होंने मामले से जुड़े कई नामों का खुलासा किया। हालांकि नामों को सार्वजनिक नहीं किया गया था, लेकिन ईडी ने कुछ दिनों बाद छापे मारे और कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

65 करोड़ रुपये हर महीने मिलते थे वर्मा को

आगे ईडी की जांच में पता चला कि कई पुलिस अधिकारी गतिविधि को सुचारू रूप से चलाने के लिए रिश्वत ले रहे थे। एएसआई चंद्रभूषण वर्मा को रिश्वत के रूप में 65 करोड़ रुपये मिले, जिसे उन्होंने अवैध सट्टेबाजी ऐप से संबंधित मामलों को खारिज करने के बदले में अन्य पुलिस अधिकारियों के बीच वितरित किया।

About Author

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments