देश में अवैध गेमिंग साइट्स पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानि (UPI) के नियमों को सख्त करने का विचार कर रही है। पिछले कुछ दिनों में बहुत सारे नए अवैध ऑफश्योर गेमिंग एप लोगों को जुआ खिलाने के प्रेरित कर रहे हैं।
सरकार के पास 114 अवैध ऑफश्योर गेमिंग एप्स की पूरी लिस्ट मौजूद है। जोकि भारत में डोमेन फार्मिंग के जरिए यहां काम कर रहे हैं। वित्त मंत्रालय ने इस ऑफश्योर गेमिंग बैटिंग एप्स को भारत में रजिस्टर करने या फिर जीएसटी और टैक्स कलेक्शन एट सोर्स जमा कर काम करने की छूट दी है। एक अक्टूबर से इन एप्स को भारत में रजिस्टर करना था। लेकिन अभी तक इन एप्स ने यहां रजिस्टर कराना शुरु नहीं किया है। इसलिए सरकार अब अवैध ऑफश्योर एप्स को ब्लॉक करने और यूपीआई पेमेंट पर सीधे टैक्स काटने पर भी विचार कर रही है।
ये अवैध प्लेटफार्म प्राक्सी बैंक अकाउंट्स से यूपीआई के जरिए पैसे ले रहे हैं, फिर ये पैसा हवाला, क्रिप्टो और अन्य अवैध माध्यमों से देश के बाहर भेजा जा रहा है। अगर टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) किया जाए तो इस अवैध मनी ट्रेल को पकड़ा जा सकता है। पिछले हफ्ते देश में रजिस्टर्ड गेमिंग कंपनियों ने वित्त मंत्रालय में एक प्रसेंटेशन दी थी। जिसमें इन अवैध प्लेटफार्म के बारे में जानकारी दी गई थी।
इसी साल जुलाई में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफोरमेशन टेक्नॉलाजी () ने इस तरह के अवैध 138 गेमिंग एप्स को ब्लॉक किया था। भारत में जो अवैध गेमिंग एप्स चल रहे हैं। उनमें Parimatch, 1XBET, Lotus365 और Dafabet प्रमुख है। ये कंपनियां भारत में तो रजिस्टर नहीं है, लेकिन साइप्रस, माल्टा और मॉरिशस जैसे देशों से भारत में काम कर रही हैं। देश में अवैध जुआ कंपनियों इन दिनों फेसबुक, इंस्टाग्राम और दूसरे सोशल मीडिया अकाउंट्स से प्रमोशन कर रही हैं।