मुंबई पुलिस कमिश्नर (Mumbai Police Commissioner) ने बुधवार को महादेव सट्टेबाजी ऐप से जुड़े 15,000 करोड़ रुपये के अवैध जुए और साइबर धोखाधड़ी से संबंधित एफआईआर को अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया है।
मामले में आरोपी बनाए गए 32 लोगों में ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और शुभम सोनी के अलावा डाबर ग्रुप के मोहित और गौरव बर्मन शामिल हैं। इससे पहले, छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस मामले में 75 एफआईआर दर्ज की थीं, जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले की जांच की। मुंबई पुलिस के अधिकारियों ने यह स्पष्ट नहीं किया कि मुंबई में एफआईआर क्यों दर्ज की गई।
यह बर्मन बंधुओं के खिलाफ दर्ज दो एफआईआर में से पहली है, जिनके खिलाफ रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के एक शेयरधारक द्वारा दी गई शिकायत के संबंध में चार दिन बाद 11 नवंबर को उसी माटुंगा पुलिस स्टेशन में दूसरी एफआईआर दर्ज की गई थी।
दोनों मामलों में, मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है। जहां पहली एफआईआर बुधवार को क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी गई, वहीं दूसरी एफआईआर भी दूसरी यूनिट में ट्रांसफर किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की कि महादेव ऐप मामले में दर्ज एफआईआर को मुंबई अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया गया है, जो अब साइबर पुलिस की मदद से मामले की जांच शुरू करेगी।
7 नवंबर को 25 पेज की एफआईआर माटुंगा निवासी प्रकाश बनकर की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी। यह मुख्य रूप से महादेव ऐप की सब्सिडियरी खिलाड़ी ऐप के इर्द-गिर्द है। एफआईआर में क्रिकेट मैच फिक्सिंग, हवाला लेनदेन और क्रिप्टो करेंसी नेटवर्क के जरिए कथित मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोपों का जिक्र है। बैंकर ने अपने बयान में आरोप लगाया है कि आरोपी चंद्राकर और अन्य लोग मैच फिक्सिंग कर रहे हैं और इससे पैसा कमा रहे हैं। बनकर के मुताबिक, भारत में आयोजित और संचालित प्रमुख क्रिकेट मैचों और टूर्नामेंटों के मैच फिक्सिंग में सक्रिय रूप से शामिल हैं।