Wednesday, November 13, 2024
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Exclusive: कौन है Dream11 की मुश्किलों का कारण, क्या लीगल डिपार्टमेंट के फैसले और खर्चे डुबा रहे हैं निवेशकों के पैसे?

Exclusive: पिछले कुछ महीनों में देश की प्रमुख फैंटेसी कंपनी Dream11 को लगातार झटके पर झटका लग रहा है। कंपनी के कई सारे फैसले जोकि आपसी समझ से सुलझ सकते थे, उनको लेकर एग्रेसिव फैसलों और उनके बाद लीगल खर्चों ने कंपनी के निवेशकों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। कुछ फैसलों ने तो आसान कामों को भी मुश्किल बना दिया। पहले कंपनी को रारियो को टेकओवर करना पड़ा, कंपनी सेल्फ रेगुलेटेड ऑर्गनाइजेशन (Self Regulated Organization) को लेकर काफी गंभीर थी, लेकिन उसमें भी नाकामी मिली। कर्नाटक में बैन के बावजूद भी ऑपरेशन चलाया गया। चार हज़ार करोड़ रुपये के टर्नओवर और लगभग 150 करोड़ रुपये का प्राफिट कमाने वाली कंपनी को अगर 7 करोड़ रुपये के लीज़ फंड के लिए इंसोल्वेंसी के लिए प्रोसेडिंग के लिए जाना पड़े तो यह कंपनी के प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं?

इस इंडस्ट्री में काम कर रहे लोगों का मानना है कि हर्ष जैन के साथ साथ कानूनी मुद्दों में फैसला लेने वाले ग्रुप जनरल काउंसिल दीपक जैकब का एग्रेसिव बिहेवियर कंपनी को लगातार बड़े मुद्दों पर नाकामयाब कर रहा है। सबसे पहले बात करते हैं Dream11 फेंटैसी प्लेटफार्म को चलाने वाली कंपनी स्पोर्टसा के बारे में। इस कंपनी को दिवालिया घोषित करने के लिए एनसीएलटी कोर्ट (NCLT Court) में अपील स्वीकार की जा चुकी है। वो भी 7 करोड़ रुपये की देनदारी के मुद्दे पर। ख़ास बात यह है कि कानूनी दांवपेंच के मुद्दे पर ऐसे मुद्दे पर कंपनी का लीगल डिपार्टमेंट (Legal department) फेल हुआ है, जोकि बहुत ही साफ था। Dream11 ने लीज़ पर लिए हुए परिसर का किराया नहीं चुकाया है। जोकि मुंबई के लोअर परेल इलाके में स्थित है। इसके लिए स्पोर्टसा टेक ने Reward Solutions Pvt Ltd के साथ एक एग्रीमेंट किया हुआ था, लेकिन इस एग्रीमेंट के मुताबिक ना तो किराया चुकाया गया और ना ही बात करके इस सेटल किया गया। कंपनी जानकारों के मुताबिक, आम तौर पर लीगल डिपार्टमेंट इस तरह के फैसले लेता है। लेकिन इस मामले में तो मामला एनसीएलटी तक पहुंचने और उसके बाद फैसला भी खिलाफ आने पर कंपनी का मैनेजमेंट हिल गया है। अब Reward Solutions Pvt Ltd से बात की जा रही है।

कंपनी के सूत्र ने बताया कि Rario पर भी वित्तीय समस्याएं स्ट्राइकर के विवाद में लीगल खर्चों के कारण हुई, वहां भी लीगल खर्चे इतने ज्य़ादा हो गए थे कि कंपनी के लिए बाद में संभलना मुश्किल हो गया था, इस केस में रारियो ने बड़े बड़े वकीलों को खड़ा किया था, लेकिन फैसला रारियो के खिलाफ गया। इस केस के मिस हैंडल होने की वजह से जहां Dream11 और बाकी इंडस्ट्री के बीच दरार बड़ी हो गई।

इससे पहले कर्नाटक में ऑनलाइन गेमिंग पर 2021 में जब बैन लगा था, तब भी सारे ऑनलाइन गेमिंग ऑपरेटर्स ने अपने ऑपरेशन कर्नाटक में बंद कर दिए थे, लेकिन Dream11 फिर भी वहां से ऑपरेट कर रहा था, इसपर कंपनी के दोनों फाउंडर्स हर्ष जैन और भावित सेठ पर एफआईआर हो गई थी, हालांकि दोनों की गिरफ्तारी नहीं हुई, लेकिन इसके बाद कंपनी को अपने ऑपरेशन कर्नाटक में बंद करने पड़े थे। बाद में 2022 में सभी को राहत मिल गई थी।

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deepakupadhyaya
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Deepak Upadhyay is working in journalism field since last 22 years, started journalism from Amar Ujala Chandigarh Deepak worked in various positions in Rajasthan Patrika, S1 Channel, Bhaskar Group and Zee Media. Due to his policy and investigative reporting, he also received the prestigious Red Ink and Narada Samman. Currently, he is working continuously with his three websites (Gaming India, Ayurveda Indian and Ikhbar) as well as organizations like Panchjanya, Swadesh, Navodaya Times, TV9 and TV18.
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