Friday, September 20, 2024
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Offshore gambling पोर्टल कर रहे थे, जुआ खिलाने में Paytm का इस्तेमाल?

बिना केवाईसी वाले 50 हज़ार से ज्य़ादा अकाउंट्स का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में ऑफ्श्योर गैंबलिंग कंपनियां (Offshore gambling companies) कर रही थी? अब इसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने शुरु कर दी है। मनी लॉन्ड्रिंग रोधी (anti-money laundering) और बिना मंजूरी के विदेशों में धन की आवाजाही के उल्लंघन के लिए पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm payment bank) के खिलाफ प्रारंभिक ईडी ने पूछताछ और अन्य जरुरी अकाउंट्स खंगालने शुरु किए हैं। यह कार्रवाई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पेटीएम की सहायक कंपनी को 29 फरवरी से नई जमा स्वीकार करने से रोक लगाने (अब 15 मार्च तक बढ़ा दी गई) के बाद शुरु हुई है। इसके साथ साथ दूसरे ऑनलाइन पेंमेंट विकल्प देने वाली कंपनियों के खिलाफ भी इस तरह की जांच शुरु हो सकती है। हालांकि Paytm ने किसी भी तरह के कानून के उलंघघन से इंकार किया है।

न्यूज एजेंसी रायटर्स ने सबसे पहले पेटीएम बैंक पर ईडी की जांच की ख़बर दी थी, लेकिन इससे पहले लंबे समय तक बहुत सारी विदेशी ऑफश्योर गैंबलिंग कंपनियां लगातार पेटीएम विकल्प के साथ जुआ खेलने के विज्ञापन वेबसाइटों पर दे रही थी। किसी भी तरह की पैसे के विदेश में जाने या फिर वहां से देश में लाने से पहले भारतीय रिजर्व बैंक की मंजूरी की जरुरत होती है बिना इस मंजूरी के ऐसा करने पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत कार्रवाई होती है।

दरअसल ऑनलाइन पेमेंट का विकल्प आने के बाद ऑनलाइन जुआ खिलाने वाली कंपनियों के लिए आसानी से जुआ खिलाने का विकल्प उपलब्ध हो गया था। जुआ खिलाने के लिए बिना केवाईसी वाले अकाउंट्स का इस्तेमाल कर इसको अंजाम दिया जा रहा था। इसकी जांच अब खुद ईडी कर रही है। अगर इंटरनेट पर भी ऑनलाइन जुआ खेलने के लिए विकल्प तलाशेंगे तो पेटीएम विकल्प के साथ बहुत सारी कंपनियां जुआ खिला रही हैं। महादेव एप के खिलाफ सरकार की कड़ी कार्रवाई के बाद एजेंसियों को ऑनलाइन जुआ कंपनियों के साथ ऑनलाइन पेमेंट विकल्प का संबंध मिला था।

गेमिंग इंडिया ने अपने इंवेस्टिगेशन में पाया कि बड़े स्तर पर ऑनलाइन पेमेंट ऑप्शन का इस्तेमाल गैंबलिंग कंपनियां ऑनलाइन जुआ खिलाने के लिए कर रही थी। जैसा की नीचे सामान्य सर्च में देखा जा सकता है कि आपको सिर्फ इंटरनेट पर लिखना है कि जुआ खेलने के लिए कैसे पैसे जमा करने हैं, तो बहुत सारे विकल्प सामने आ जाते हैं।

फिर यह साफ नहीं है कि इन अवैध पोर्टल ऑपरेटरों को पेटीएम बैंकिंग और वॉलेट सुविधाओं तक की पहुंच कैसे मिली। लेकिन ईडी की जांच की दिशा से पता चल रहा है कि बैंक के शीर्ष प्रबंधन ने जानबुझकर इतनी बड़ी संख्या में केवाईसी पूरा नहीं किया हो, इससे सट्टेबाज़ी कराने वाले ऑनलाइन पोर्टल को इनके जरिए जुए के पैसे भारत में लाने और बाहर ले जाने में मदद मिली हो। पेटीएम और अन्य ऑनलाइन विकल्पों के जरिए आसानी से ऑनलाइन जुआ खेला जा रहा है।

गेमिंग इंडिया ने पहले भी अपनी जांच में पाया था कि सट्टेबाजी संचालक जुए के लेन-देन को रूट करने के लिए सब्जी विक्रेताओं से लेकर किराना स्टोर वालों के पेटीएम अकाउंट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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deepakupadhyaya
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Deepak Upadhyay is working in journalism field since last 22 years, started journalism from Amar Ujala Chandigarh Deepak worked in various positions in Rajasthan Patrika, S1 Channel, Bhaskar Group and Zee Media. Due to his policy and investigative reporting, he also received the prestigious Red Ink and Narada Samman. Currently, he is working continuously with his three websites (Gaming India, Ayurveda Indian and Ikhbar) as well as organizations like Panchjanya, Swadesh, Navodaya Times, TV9 and TV18.
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