प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने देश के प्रमुख गेमर्स (Country’s leading gamers) के साथ मुलाकात में कहा कि गेमिंग सेक्टर (gaming sector) को किसी तरह के रेगुलेशन की जरुरत नहीं है। अभी इस सेक्टर को फलने फूलने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज भारत में इंटरनेट इतना सस्ता (Internet is so cheap in India) है, इसी वजह से गेमिंग और दूसरे चीजें इतनी फल फूल रही हैं।
एक गेमर्स के सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार की प्रवृति है कि या तो उस सेक्टर को दबाने की कोशिश करो या फिर कानूनी बंधन लगाकर उन्हें परेशान करो। इसके अलावा दूसरा है कि उसे समझो फिर उसको अपने देश के हिसाब से मोडिफाई करो, इसके साथ साथ उस सेक्टर की प्रतिष्ठा बढ़ाओ और प्रतिष्ठा बढ़ती है तो बुरा करने वाले जल्दी से बुरा नहीं कर पाते हैं। मेरी तो कोशिश है कि देश की स्थिति इतनी आगे ले जाएं कि 2047 तक मध्यवर्गीय परिवारों की जिंदगी से सरकार बाहर निकल जाए।
इस दौरान स्किल बेस्ड गेमिंग को लेकर एक गेमर ने प्रधानमंत्री को कहा कि ई-स्पोर्ट्स को अलग पहचान मिलनी जरुरी है। यह पता होना चाहिए कि यह पैसे लगाने वाला गेम नहीं है। इस बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी गेमर्स को कहा कि उनकी क्या क्या समस्याएं हैं, यह प्रधानमंत्री कार्यालय को मेल कर दें।
दरअसल इससे पहले सरकार में इस सेक्टर पर सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी बनाने के लिए रेगुलेशन लाया गया था, लेकिन इसको दिल्ली हाई कोर्ट मेंं चैलेंज कर दिया गया था, इसके बाद यह पूरा रेगुलेशन ही ठंडे बस्ते में चला गया है। इस बीच प्रधानमंत्री मोदी का इस सेक्टर पर रेगुलटर नहीं बिठाना है। यह एक बड़ा बयान माना जा रहा है।
क्यों है गेमिंग सेक्टर महत्वपूर्ण
देश में करीब 50 करोड़ युवा और अन्य वर्ग किसी ना किसी तरह की गेमिंग में लगे हुए हैं। सस्ते इंटरनेट के बाद भारत में गेमिंग उद्योग बहुत की तेजी से बढ़ा है। साथ ही इसके खेलने वालों की तादाद भी लगातार बढ़ रही है। फिलहाल भारत में 15 हज़ार गेम डेवलपर्स हैं और 1500 के करीब गेमिंग स्टूडियो हो। फिलहाल देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं और ऐसे में इस सेक्टर से बातचीत करना काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जानकारों के मुताबिक प्रधानमंत्री का इस बड़े युवा वर्ग से इनके लीडर्स के जरिए पहुंचना लोकसभा चुनावों में बीजेपी को मदद करेगा।