पुणे में रहने वाले 15 साल के किशोर ने जानलेवा ‘ब्लू व्हेल’ गेम (The deadly Blue Whale game) से प्रभावित होकर एक इमारत की 14वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। नाबालिग ने एक नोट छोड़ा था, जिस पर ‘लॉगआउट’ लिखा था। शुरुआती पुलिस जांच में पता चला कि आर्य श्रीराव नामक लड़के को पिछले कुछ महीनों में ऑनलाइन गेम की लत (online game addiction) लग गई थी, वह खुद को अलग-थलग कर लेता था और घंटों लैपटॉप पर बिताता था। आर्य 10वीं कक्षा का छात्र था और पुणे के पिंपरी चिंचवाड़ का रहने वाला था।
पुलिस उपायुक्त (जोन I) स्वप्ना गोरे ने समाचार एजेंसी को बताया, “हमें उसकी नोटबुक से एक कथित सुसाइड नोट मिला है, जिसमें ‘लॉग आउट’ लिखा है। उसने ‘XD’ भी लिखा है, जो वह ऑनलाइन गेम हो सकता है, जिसे वह खेल रहा था। हम आत्महत्या के पीछे की असली वजह की जांच कर रहे हैं।”
उसकी नोटबुक की गहन जांच में उसके अपने घर के नक्शे, कोडिंग भाषा में लिखे नोट और खिलाड़ियों की सूची मिली है। उसके कमरे से बरामद एक कागज़ पर मल्टीप्लेयर कॉम्बैट गेम का उल्लेख था और उसके अपार्टमेंट और गैलरी का एक पेंसिल स्केच भी दिखाया गया था, जिसमें बताया गया था कि उसे कहाँ से कूदना था।
लड़के के पिता, उमेश श्रीराव ने सभी माता-पिता से इस त्रासदी के मद्देनजर अपने बच्चों की हरकतों के प्रति अधिक सावधान रहने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि उनका बेटा कुछ महीनों से अपनी कई चीज़ें छिपा रहा था, यहाँ तक कि उसने अपने लैपटॉप की सारी सर्च हिस्ट्री डिलीट करने जैसे कदम भी उठाए थे।
साइबर विशेषज्ञ जाँच में आगे मदद कर रहे हैं क्योंकि उसके माता-पिता को उसके डिवाइस का पासवर्ड नहीं पता था। उसकी माँ स्वाति श्रीराव को अपने बेटे की मौत के बारे में सोसाइटी के व्हाट्सएप ग्रुप के ज़रिए पता चला। उन्होंने कहा, “आर्य एक ऐसा लड़का था जो बात करने में झिझकता था और कम ऊँचाई से भी कूदने से डरता था, फिर भी उसने 14वीं मंज़िल से छलांग लगा दी।” उन्होंने आर्य की बीमार विचारों और संगीत में बढ़ती रुचि के बारे में भी बताया क्योंकि वह कहने लगा था कि “जीवन और मृत्यु एक समान हैं।”
इस बच्चे की आत्महत्या की घटना ने “ब्लू व्हेल” गेम पर चर्चाओं को फिर से हवा दे दी है, एक ऑनलाइन गेम जिसे “आत्महत्या का खेल” भी कहा जाता है, इस गेम ने 2017 में दुनिया भर में हलचल मचा दी थी। इस गेम में युवाओं को टारगेट करके उन्हें 50 दिनों की अवधि में कई काम सौंपे गए थे और अंतिम काम में उन्हें आत्महत्या करने के लिए कहा जाता था। भारत में ब्लू व्हेल का पहला शिकार जुलाई 2017 में हुआ था। यह मुंबई का 14 वर्षीय स्कूली छात्र मनप्रीत सिंह साहनी था, जिसने 7वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, रूस, यूक्रेन, भारत और अमेरिका में इस गेम के कारण 100 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है।