छत्तीसगढ़ में महादेव बुक से जुड़े एक और मामले का खुलासा हुआ है। पुलिस के अनुसार आमापारा निवासी दुर्गेश जायसवाल की भिलाई के देवेश सिंह चौहान से दोस्ती थी। दोनों सीसीटीवी लगाने के लिए सरकारी टेंडर लेते थे। इसके साथ ही देवेश के महादेव बुक ऐप के जरिए ऑनलाइन क्रिकेट सट्टेबाजी चलाने वालों से भी कनेक्शन थे। इसके बाद देवेश ने मोबाइल, एटीएम कार्ड और पासबुक को उस बैंक खाते से लिंक रख लिया। इसके बाद इस अकाउंट का इस्तेमाल महादेव ऐप पर क्रिकेट सट्टेबाजी की रकम खर्च करने के लिए किया जाने लगा। मामले की जानकारी मिलने के दो महीने बाद दुर्गेश ने आजाद चौक थाने में इसकी शिकायत की। पुलिस ने देवेश सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश रचने का अपराध दर्ज किया। इसके बाद रविवार को उसे शीतलापारा कोहका भिलाई से गिरफ्तार कर लिया गया।
राज्य में बड़ा नेटवर्क सक्रिय
देवेश को गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ के दौरान महादेव एप जुड़े रहे शैलेंद्र सिंह उर्फ सन्नी निवासी संतराबाड़ी, दुर्ग, जीपीएम के जियोन पाल, रामकृपाल साहू, हरीश वर्मा और कौशल प्रसाद लहरे को गिरफ्तार किया गया। इन सभी को बैंक खाता देने के बदले कमीशन दिया जाता था।
कई सालों से चल रहा है सट्टा
सूत्रों के अनुसार दुर्ग के संतराबाड़ी निवासी शैलेंद्र सिंह उर्फ सनी लंबे समय से सट्टे के कारोबार में है। महादेव ऐप से जुड़ने के बाद उन्होंने बड़े पैमाने पर यह बिजनेस शुरू किया। आईडी ऑपरेट करने के अलावा वह बैंक खातों के जरिए लाखों रुपये इधर से उधर ट्रांसफर करता था। यह पहली बार है जब उसे गिरफ्तार किया गया है।
लेन-देन का खुलासा नहीं
पुलिस ने मास्टरमाइंड देवेश सिंह को छोड़कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन उनके बैंक खातों में अब तक कितनी रकम का लेनदेन हुआ है? इसका खुलासा नहीं किया गया है। कमीशन लेकर बैंक खाते उपलब्ध कराने वाले 5 आरोपियों के बैंक खातों से अब तक किसको कितनी राशि भेजी गई है, किस आईडी-पैनल से? इसका खुलासा भी नहीं किया गया है।
दो महीने बाद शिकायत
अपने बैंक खाते के दुरुपयोग की शिकायत करने वाले दुर्गेश की शिकायत को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। दुर्गेश को देवेश द्वारा अपने बैंक खाते के दुरुपयोग के बारे में 28 अगस्त, 2023 को पता चला, लेकिन उसने लगभग दो महीने तक पुलिस में इसकी शिकायत नहीं की। पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, दुर्गेश ने 28 अक्टूबर को आजादचौक पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है।