भारत में जानी मानी ऑनलाइन गेमिंग कंपनी गेमक्राफ्ट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनी के खिलाफ 21,000 करोड़ रुपये की कर चोरी के लिए जीएसटी नोटिस को रद्द कर दिया था। सूत्रों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा उस आदेश पर रोक लगाने के बाद, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा मांग नोटिस जारी किए जाने की संभावना है। इसे कंपनी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। असल में केन्द्र सरकार ने गेमिंग पर 28 फीसदी का जीएसटी लगाया है। जिसके बाद गेमिंग कंपनियों की दिक्कतें बढ़ गयी हैं।
असल में पिछले साल सितंबर 2022 में जीएसटी खुफिया इकाई ने गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड (जीटीपीएल) को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि कंपनी जीएसटी में 21,000 करोड़ रुपये का कर भुगतान करने में विफल रही, जो अप्रत्यक्ष कराधान के इतिहास में इस तरह का सबसे बड़ा दावा है।
वहीं बेंगलुरु की ऑनलाइन गेमिंग कंपनी गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजी के खिलाफ 21,000 करोड़ रुपये की कथित कर चोरी के मामले में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के नोटिस को रद्द करने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले पर उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के बाद केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) जल्द ही जुर्माने के साथ डिमांड नोटिस जारी कर सकता है। फिलहाल अगर ऐसा होता है तो कंपनी की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर को कर्नाटक हाईकोर्ट के मई 2023 के फैसले पर रोक लगा दी थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले में सीबीआईसी फैसला करेगा। आकलन आयुक्त फैसला करेंगे। असेसिंग ऑफिसर टैक्स डिमांड भेजेगा। इसमें देरी क्यों हो? इसे रोकने का एकमात्र कारण कर्नाटक उच्च न्यायालय का आदेश था। वहीं एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने मनीकंट्रोल को बताया डिमांड नोटिस अब जुर्माने के साथ भेजा जाएगा। इस बारे में टिप्पणी के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय को भेजे गए मेल का रिपोर्ट प्रकाशित होने तक कोई जवाब नहीं मिला था।
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