Banned betting site again advertising: मोदी सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की आपसी तकरार के कारण भारत में अवैध ऑनलाइन जुआ खिलाने वाली कंपनियों के विज्ञापन अभी भी धड़ल्ले से चल रहे हैं। हालत ये है कि किसी भी बड़े क्रिकेट टूर्नामेंट से पहले विदेशों से ऑपरेट कर रही कंपनियां लगभग सभी प्रमुख वेबसाइट्स पर नज़र आने लगती हैं।
सूचना प्रसारण मंत्रालय कई बार चेतावनी जारी कर चुका है, लेकिन इसके बावजूद भी बहुत सारे संस्थान अभी भी जुआ खेलने वाली वेबसाइट्स को प्रमोट कर पैसा कमा रहे हैं। हालांकि अब जुआ खिलाने वाली विदेशी वेबसाइट्स गुगल के जरिए इन विज्ञापनों को प्रमोट कर रही हैं। दरअसल जुआ खिला रही वेबसाइट्स की पहुंच इतनी ज्य़ादा है कि उनके लिंक अगर बंद भी होते हैं तो तुरंत खुल भी जाते हैं या वो फिर किसी दूसरे नाम से तुरंत चालू भी हो जाते हैं।
गेमिंग के मामलों में मोदी सरकार ने इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को नोडल एजेंसी बनाया है। इसी मंत्रालय के पास ये अधिकार भी है कि वो इन साइट्स के यूआरएल को बैन भी कर सकता है। लेकिन 1XBet, Fairplay, Dafa, Mahadevbooks और Anna books जैसी साइट्स के खिलाफ कोई ठोस एक्शन नहीं ले पा रही है। दूसरी ओर अनुराग ठाकुर का मंत्रालय इन विज्ञापनों को लेकर लगातार चेतावनी जारी कर रहा है।
विदेशी से अवैध जुए का कारोबार चलाने वाले ये भी जानते हैं कि सूचना प्रसारण मंत्रालय की बात खुद इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भी नहीं सुन रहा है। हाल ही में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने अपने मंत्रालय में बैटिंग साइट्स से जुड़े एक बड़े लाइजनर निकोलस के साथ भी मुलाकात की थी। परीमैच कंपनी के पूर्व डायरेक्टर निकोलस थॉम्सुक (Nicholas Tymoshchuk) ने मंत्रालय में ही निकोलस से मुलाकात की थी, हालांकि अब निकोलस साइप्रस की एक गेमिंग फंड एनरगेम (Cyprus based gaming focused investment fund Energame) में कॉर्पोरेट अफेयर्स डायरेक्टर हैं। लेकिन यूक्रेन से संबंध रखने वाले निकोलस लंबे समय से दुनिया की प्रमुख जुआ कंपनियों से जुड़े रहे हैं। हालांकि हाल में खुद राजीव चंद्रशेखर ने कहा था कि वो जुआ खिलाने वाली कंपनियों को बैन करेंगे, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।
देश में वैध तरीके से रियल मनी गेमिंग साइट्स चलाने वाली बहुत सारी कंपनियां पहले भी इन अवैध जुआ खिलाने वाली साइट्स को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को पत्र लिख चुकी है।
Banned betting site again advertising: क्या मंत्रालयों में मतभेद काफायदा उठा रही हैं जुआ कंपनियां
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