छत्तीसगढ़ में महादेव बुक मामले में ईडी के छापों के बाद गिरफ्तारी के बाद, प्रमुख विपक्षी दल ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर हमला शुरू कर दिया है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने दावा किया है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए आतंकी फंडिंग की आशंका है, इसलिए सीएम भूपेश बघेल को जिम्मेदारी लेते हुए मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से करानी चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने हालांकि सीएम बघेल का समर्थन करते हुए कहा कि चौधरी द्वारा लगाए गए आरोप बहुत गंभीर हैं और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार देश को सुरक्षा प्रदान करने में अक्षम और असफल साबित हुई है। ईडी ने कल खुलासा किया कि उसने सीएम बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, एएसआई चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर और हवाला ऑपरेटर अनिल दमानी और सुनील दमानी को गिरफ्तार किया है। जिसके बाद राज्य में सियासत गर्मा गयी है।
इन हालिया गिरफ्तारियों और पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता के खुलासे से अब राज्य सरकार की ईमानदारी पर सवाल उठने लगे हैं। ईडी ने अपनी चार्जशीट में लिखा है कि ये अधिकारी महादेव बुक अवैध सट्टेबाजी ऐप का संचालन करने वाले लोगों को संरक्षण प्रदान कर रहे थे। गौरतलब है कि सीएम बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने ईडी को इस मामले में उनकी संलिप्तता के सबूत पेश करने की चुनौती दी है। इस बीच, जांच में पता चला है कि एएसआई चंद्रभूषण वर्मा को हर महीने रिश्वत के रूप में 65 करोड़ रुपये मिल रहे थे, जिसे वह अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के बीच वितरित करता था।
पुलिस को कर रहे थे प्रभावित
माना जा रहा है कि मामले में पुलिस का काम काफी प्रभावित हुआ था, और इतनी सारी गिरफ्तारियां करने और कई ठिकानों को ऑपरेशन से बाहर रखने के बावजूद, अवैध सट्टेबाजी गतिविधि अभी भी बड़े पैमाने पर चल रही थी। अब तक, ईडी एएसआई वर्मा के साथ-साथ सतीश चंद्राकर की जांच कर रही है, जो मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर का करीबी रिश्तेदार है। सौरभ चंद्राकर वर्तमान में दुबई में छिपा हुआ है और वहां से सभी ऑपरेशंस को चला रहा है। जाहिर है कि राज्य में उसके नेटवर्क को राजनैतिक संरक्षण मिल रहा है।