Friday, September 20, 2024
HomeCard Gamesसीबीआईसी प्रमुख का दावा: गेमिंग कंपनियों को कानूनी प्रावधानों के तहत दिया...

सीबीआईसी प्रमुख का दावा: गेमिंग कंपनियों को कानूनी प्रावधानों के तहत दिया गया है नोटिस

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के प्रमुख संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि कथित कर चोरी को लेकर कानूनी प्रावधानों के तहत ई-गेमिंग कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि कर की मांग आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित है। उन्होंने कहा कि विभाग 1 अक्टूबर से 28 प्रतिशत कर लगाने के संशोधित प्रावधानों को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

अग्रवाल ने यह भी कहा कि सरकार विदेशी ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्मों के अनिवार्य पंजीकरण के साथ-साथ ऑनलाइन गेमिंग, कैसिनो और हॉर्स रेसिंग पर 1 अक्टूबर से 28 प्रतिशत कर लगाने के संशोधित प्रावधानों को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। गौरतलब है कि गेमिंग पर 28 फीसदी का कर एक अक्टूबर से लागू हो जाएगा। जिसके खिलाफ कई कंपनियां कोर्ट के दरवाजे जा चुकी हैं।

जीएसटी परिषद ने जुलाई और अगस्त में अपनी बैठकों में ऑनलाइन गेमिंग, कैसिनो और हॉर्स रेसिंग को कर योग्य कार्रवाई दावों के रूप में शामिल करने के लिए कानून में संशोधन को मंजूरी दी थी। यह भी स्पष्ट किया गया कि इस तरह की आपूर्ति के मामले में, दांव पर लगी पूरी राशि पर 28 प्रतिशत माल और सेवा कर (जीएसटी) लगाया जाएगा। जीएसटी परिषद की पिछली बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, संबंधित अधिसूचनाएं प्रक्रिया में हैं। सभी राज्यों के लिए 30 सितंबर तक इस संबंध में कानून बनाना या अध्यादेश लाना जरूरी है।

ड्रीम-11 और डेल्टाकॉर्प को मिल चुका है नोटिस

परिषद के फैसले को प्रभावी बनाने के लिए संसद ने पिछले महीने केंद्रीय जीएसटी और एकीकृत जीएसटी कानूनों में संशोधन पारित किए। तब से ड्रीम-11 जैसी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और कैसिनो ऑपरेटर डेल्टा कॉर्प को अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से लगाए गए दांव के पूरे अंकित मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान नहीं करने के लिए कर अधिकारियों से कारण बताओ नोटिस मिला है।

About Author

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments