केंद्र सरकार ने रियल मनी गेमिंग कंपनियों (real money gaming companies) के जीएसटी नोटिस (gst notice) को चुनौती देने वाले सभी हाई कोर्ट में लंबित मामलों को एक साथ टैग करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट के सामने एक स्थानांतरण याचिका दायर की है। डेल्टा कॉर्प (Delta Corp) की एक याचिका के संबंध में सिक्किम हाई कोर्ट (Sikkim High Court) के समक्ष सुनवाई में डिप्टी सॉलिसिटर जनरल (Deputy Solicitor General) ने अदालत को स्थानांतरण याचिका के बारे में बताया।
सुप्रीम कोर्ट का ऑनलाइन सूचना पोर्टल में स्थानांतरण याचिका से जुड़े बॉम्बे, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, पंजाब और हरियाणा के हाई कोर्ट के सामने लंबित 27 मामलों को दर्शाता है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय सुप्रीम कोर्ट पीठ के समक्ष पहले से लंबित मामलों की सुनवाई अस्थायी अप्रैल 2024 में की जाएगी। इन मामलों में गेम्स 24×7, हेड डिजिटल वर्क्स और इंडस्ट्री बॉडी ईजीएफ शामिल हैं।
पिछली सुनवाई में जीएसटी विभाग ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि वह विभिन्न उच्च न्यायालयों के सामने लंबित जीएसटी के कानूनी मुद्दे से संबंधित सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग करते हुए एक याचिका दायर करेगा। इसलिए वर्तमान स्थानांतरण याचिका को भी लंबित मामलों के साथ टैग किए जाने की उम्मीद है।
इस मामले से रियल मनी गेमिंग (real money gaming) पर लंबे समय से चली आ रही टैक्स को लेकर परेशानियां दूर होने की उम्मीद है, साथ ही यह भी साफ हो जाएगा कि यह स्किल है या चांस का खेल हैं। इसके साथ ही टैक्स के लिहाज से यह भी साफ हो जाएगा कि यह सट्टेबाजी और जुए के दायरे में आएंगे। जनवरी में एक सुनवाई में, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ऑनलाइन मनी गेमिंग कंपनियों की ओर से पेश हुए, जबकि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन. वेंकटरमण जीएसटी विभाग और भारत सरकार की ओर से पेश हुए। इस सुनवाई में एएसजी वेंकटरमण ने कहा कि 99 से अधिक कंपनियों को नोटिस भेजा गया है।
दरअसल यह मुद्दा गेम्सक्राफ्ट को 21,000 करोड़ रुपये का जीएसटी नोटिस जारी करने के बाद उठा था। जिसे कर्नाटक उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया था। इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट के आर्डर पर स्टे दे दिया था। जिसके अनुसार विभाग ने अन्य वास्तविक धन गेमिंग कंपनियों को कर नोटिस जारी किए, जिससे उच्च न्यायालयों में रिट याचिकाओं की बाढ़ आ गई।