भारत में सट्टेबाजी के किंग के तौर पर कुख्यात सौरभ चंद्राकर का एक साथी जिम्बाब्बे में निर्वासन विवाद में फंस गया है। जानकारी के मुताबिक जिम्बाब्वे के अधिकारियों ने देश में ऑनलाइन खेल सट्टेबाजी संचालन करने के आरोप में इस साल अब तक लगभग 500 भारतीय नागरिकों को देश से बाहर किया है। इन निर्वासित व्यक्तियों में दुबई स्थित अरबपति व्यवसायी, नवाब शाजी उल मुल्क का भी नाम शामिल है।
मुल्क शारजाह स्थित औद्योगिक निगम मुल्क इंटरनेशनल का मालिक है और माना जाता है कि वह भारत में सबसे बड़े अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क के मास्टरमाइंड, महादेव बुक के सौरभ चंद्राकर के भागीदारों में से एक है। मुल्क की लगभग $1 बिलियन की कुल संपत्ति है और ये संपत्ति भारत, पाकिस्तान और दुबई में बनाई गयी है और जो संदेह के घेरे में हैं। बताया जा रहा है कि मुल्क को जिम्बाब्वे लाने वाले व्यक्ति टेम्प्टर तुंगवारारा ने उसका बचाव किया है।
“मुझे बस इतना पता है कि वह एक व्यवसायी और निवेशक है, मैं निश्चित रूप से आपके द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर टिप्पणी नहीं कर सकता। ज़िमेट्रो न्यूज़ के हवाले से तुंगवारारा ने कहा, आपको आधिकारिक टिप्पणी और उचित तथ्यों के लिए किस विभाग से संपर्क करना है, इसकी जानकारी होनी चाहिए।
चंद्राकर को राजनयिक पासपोर्ट उपलब्ध कराने के प्रयास के लिए भी मुल्क जिम्मेदार है। माना जाता है कि चंद्राकर वर्तमान में दुबई में रह रहा हैं और वहीं से कामकाज संभाल रहा है, लेकिन मूल रूप से वह छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले हैं। अब तक, पूरे सट्टेबाजी नेटवर्क का मूल्य लगभग 4,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है और यह कई देशों में फैला हुआ है, जिसमें भारत का छत्तीसगढ़ राज्य हॉटस्पॉट में से एक है।
सट्टे के लिए दुबई में दी जाती है ट्रेनिंग
पुलिस लगातार उन लोगों की तलाश कर रही है जिन्हें दुबई में प्रशिक्षण दिया गया है और ऑपरेशन का विस्तार करने के लिए भारत भेजा गया है। सबसे हालिया मामले में, महादेव बुक से जुड़े 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 17 बैंक खातों से 30 करोड़ रुपये से अधिक जब्त कर लिए गए। जिम्बाब्वे का गृह मंत्रालय, काज़ेम्बे आर. काज़ेम्बे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी टास्क फोर्स इस तरह के लोगों को देश से बाहर कर रही है।