केंद्र सरकार गेमिंग कंपनियों पर लगने वाले जीएसटी पर अगले साल अप्रेल तक समीक्षा कर सकती है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि गेमिंग कंपनियों को राहत दी जाएगी। रेवेन्यू सक्रेटरी संजय मलहोत्रा के मुताबिक सरकार ने गेमिंग कंपनियों से 14000 करोड रुपए के जीएसटी कलेक्शन का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य वित्त वर्ष 2025 तक रखा गया है। अक्टूबर में जीएसटी कांउसिल ने गेमिंग कंपनियों पर 28% जीएसटी लगाया था, इस टैक्स के मुताबिक जितना भी डिपॉजिट इन गेमिंग कंपनियों के पास होगा, उसपर 28% जीएसटी लगेगा। इससे पहले यह कंपनियां अपने कमीशन पर 18 पर्सेंट जीएसटी भर रही थी।
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संजय मल्होत्रा के मुताबिक 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्तीय साल में सरकार ने जीएसटी से लगभग 75 अरब रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है, जोकि पिछले वित वर्ष से 16 अरब रुपए ज्यादा है। अक्टूबर से दिसंबर की क्वार्टर में टैक्स से करीब 35 अरब रुपए की आय हुई है।
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उन्होंने कहा कि गेमिंग इंडस्ट्री फिलहाल स्थिर हो चुकी है, इसलिए इस पर कोई भी टिप्पणी करना ठीक नहीं है। इन कंपनियों के जीएसटी रेट पर अप्रैल तक रिव्यू किया जाएगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसमें किसी तरह का कोई बदलाव होगा। हालांकि सरकार ने यह जरूर कहा कि इससे जुड़े कुछ नए नियम जोड़े जा सकते हैं। मल्होत्रा ने कहा कि गेमिंग कंपनी से जीएसटी कलेक्शन करीब 1700 करोड रुपए पर हर महीने हो गया है जो की अगले वित्त वर्ष में बढ़कर 1800 करोड़ रुपये हर महीने से ज्यादा हो जाएगा बड़ी बात यह है की सरकार का हर महीने का जीएसटी कलेक्शन अब लगभग 2 लाख करोड रुपए को छूने लगा है और इसमें गेमिंग कंपनियों का बड़ा हाथ है।