Game of skill-chance: ऑनलाइन गेमिंग में स्किल और चांस के अंतर को खत्म करने की तैयारी जीएसटी (GST) से जुड़े कुछ अधिकारियों ने कर ली है। जीएससी काउंसिल (GST Council) से जुड़े कुछ अधिकारियों ने इसको लेकर जीएसटी काउंसिल के सदस्यों को जो प्रसेंटेशन दी है, उसके मुताबिक गेम ऑफ स्किल और गेम ऑफ चांस में कोई बहुत ज्य़ादा अंतर नहीं है।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, गेम ऑफ स्किल में चांस भी होता ही है, लेकिन ये कितना होता है, इसको लेकर अलग अलग राय हो सकती है, लेकिन ये होता है। लिहाजा इसके नाम पर ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को रियायत नहीं दी जानी चाहिए।
हालांकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गेम ऑफ स्किल को गेम ऑफ चांस से अलग किया है। इसी आधार पर इन गेम्स को जुआ नहीं माना जाता था। लेकिन अब जीएसटी से जुड़े अधिकारी इस अंतर को मानने से इंकार तो कर ही रहे हैं, साथ ही उन्होंने जीएसटी काउसिल के कई महत्वपूर्ण सदस्यों को भी इसको लेकर विस्तृत प्रसेंटेशन दी है।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, गेम ऑफ स्किल के नाम पर ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर अभी तक बहुत ज्य़ादा टैक्स नहीं था। लेकिन देशभर में करीब 13 करोड़ से ज्य़ादा लोग एक्टिव तौर पर अलग अलग गेम्स खेल रहे हैं। इनमें से बहुत सारी गेम्स में ईनाम के तौर पर पैसा भी दिया जा रहा है। लिहाजा ऑनलाइन गेम्स पर 28 परसेंट टैक्स लगाने की सिफारिश की गई थी। अगले कुछ दिनों में ऑनलाइन गेमिंग, कैसिनो और हार्स रेसिंग पर जीएसटी को लेकर मेघालय के मुख्यमंत्री कोर्नाड संगमा की अध्यक्षता में बने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GOM) अपनी सिफारिशें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंप देगा। हालांकि अभी ये सिफारिशें कानूनी राय के लिए लॉ कमेटी के पास गई हुई हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले 15 दिनों में ये सिफारिशें वित्त मंत्री को सौंप दी जाएंगी, उसके बाद जीएसटी काउंसिल में इस प्रस्ताव को लाया जाएगा।