Thursday, September 19, 2024
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गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में बिग डैडी कैसीनो के मालिक गोपाल कांडा को कोर्ट ने किया बरी

बिग डैडी कैसीनो के मालिक और साल 2012 में चर्चित एयर होस्टेस गीतिका सुसाइड केस में आरोपी गोपाल कांडा को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बरी कर दिया है। गीतिका गोपाल कांडा की एयरलाइन कंपनी एमडीएलआर में एयर होस्टेस के तौर पर काम करती थी और उसने 5 अगस्त 2012 को दिल्ली के अशोक विहार में आत्महत्या कर ली थी।

गीतिका ने अपने सुसाइड नोट में इस कदम के लिए कांडा और उसकी एमडीएलआर कंपनी की सीनियर मैनेजर अरुणा चड्ढा को जिम्मेदार ठहराया है। कांडा को इस मामले में 18 महीने तक जेल में रहना पड़ा था। इसके बाद मार्च 2014 में उन्हें जमानत मिल गई थी। बताया जाता है कि उन्हें यह जमानत सह-आरोपी अरुणा चड्ढा को हाईकोर्ट से मिली जमानत के आधार पर मिली है। गीतिका की मौत के करीब छह महीने बाद उसकी मां अनुराधा शर्मा ने भी आत्महत्या कर ली थी।

बरी होने के बाद कांडा ने क्या कहा?

मामले में बरी होने के बाद गोपाल कांडा ने कहा कि इस मामले में मेरे खिलाफ एक भी सबूत नहीं था, यह आज कोर्ट में साबित हो गया। वहीं, उनके वकील आरएस मलिक ने कहा कि उन्होंने 11 साल तक मुकदमे का सामना किया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत मुश्किल मामला था। कांडा हर तारीख को कोर्ट पहुंचे हैं। इस दौरान उनका आचरण भी काफी अच्छा रहा है। कोर्ट के सामने 65 गवाह पेश किए गए लेकिन किसी ने भी उनके बारे में कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा कि कांडा पहले से ही निर्दोष है।

किन धाराओं के तहत दाखिल की गई चार्जशीट

गीतिका शर्मा की आत्महत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने गोपाला कांडा के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। इसके अलावा पुलिस ने उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 201, 466, 468 और 469 के तहत भी मामला दर्ज किया था। हालांकि हाईकोर्ट ने कांडा के खिलाफ धारा 376 और 377 हटा दी थी।

बरी होने के बाद कांडा की विधायिकी बच गई

राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा इस मामले में बरी किए जाने के बाद कांडा की विधायिका बच गई है। अगर वह इस मामले में दोषी पाए जाते तो उन्हें जेल भी हो सकती थी और विधायिका में भी जा सकते थे। आपको बता दें कि जिस समय यह मामला सामने आया था, उस समय कांडा तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में गृह राज्य मंत्री हुआ करते थे। आत्महत्या मामले में नाम आने के बाद उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा था और 18 महीने की सजा काटनी पड़ी थी।

वर्तमान में गोपाल कांडा भाजपा-जजपा सरकार को अपना समर्थन दे रहे हैं, उन्होंने ऐलनाबाद सीट से उपचुनाव लड़ा था। हालांकि, इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं, गोपाल कांडा की पार्टी हलोपा भी एनडीए में शामिल है.

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