विदेश से भारत में जुआ चला रही अवैध कंपनियों को देश में रजिस्टर करने की योजना फेल हो गई है। कई महीने बीत जाने के बाद भी एक भी ऑफश्योर गैंबलिंग कंपनी ने भारत में अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। वित्त मंत्रालय ने संसद में एक सवाल के जवाब में बताया कि अभी तक किसी भी विदेशी गैंबलिंग और बैटिंग कंपनी ने भारत में अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। इन कंपनियों को 28 परसेंट जीएसटी देने के लिए भारत में अपना रजिस्ट्रेशन कराना था।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी के उठाए गए एक सवाल के जवाब में कहा कि किसी भी ऑफशोर ऑनलाइन गेमिंग ने जीएसटी के साथ पंजीकृत नहीं किया है। 1 अक्टूबर 2023 से इस विभाग ने यह रजिस्ट्रेशन शुरु किया था।
इस साल की शुरुआत में 50वीं और 51वीं जीएसटी परिषद की बैठकों के निर्णय के अनुसार, संसद ने ऑनलाइन मनी गेमिंग में प्रावधान डालने के लिए आईजीएसटी अधिनियम में संशोधन किया था। साथ ही विदेश से भारत में अवैध जुआ खिला रही वेबसाइट्स को भी भारत में रजिस्टर कर यहां 28 परसेंट जीएसटी देकर उन्हें एक विडों दी थी।
अक्टूबर 2023 में संशोधित कानून लागू होने के बाद से, जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DDGI) ऑफश्योर जुआ और सट्टेबाजी वेबसाइटों को ईमेल भेजकर उन्हें भारत में रजिस्टर करने और टैक्स का भुगतान करने की जरुरत के बारे में बता रहा था, हालांकि, जीएसटी अधिकारियों की ऑफशोर जुआ वेबसाइटों को टैक्स के दायरे में लाने की कोशिश फेल रही है। अभी भी सैकड़ों ऑफश्योर जुआ और सट्टेबाजी वेबसाइटें यहां चल रही है और यहां जुआ खिलवा रही हैं।